देहरादून में घंटाघर पर खड़ी कार का चालान होना था लेकिन गलती से सहारनपुर में खड़ी एक स्कूटी का चालान हो गया। यातायात पुलिस ने वाहन का नंबर गलत दर्ज कर दिया जिससे स्कूटी मालिक को परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस अधीक्षक यातायात मुकेश ठाकुर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और लापरवाह पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अंकुर अग्रवाल, जागरण, देहरादून। No Parking Challan: अगर आपके मोबाइल फोन पर यातायात पुलिस की ओर से वाहन का आनलाइन चालान काटे जाने का एसएमएस आए तो घबराकर आनलाइन भुगतान न करें। पहले चालान की पूरी जानकारी हासिल कर लें और उसके बाद ही भुगतान का विचार करें।
ऐसा न हो कि चालान किसी और वाहन का किया जाना था और यातायात पुलिस ने उसके बदले आपके वाहन का काट दिया हो। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार शाम चार बजे दून में सामने आया, जब यातायात पुलिस ने घंटाघर पर नो-पार्किंग में खड़ी कार के बदले सहारनपुर में खड़ी एक स्कूटी का चालान काट दिया।
टीवीएस जुपिटर स्कूटी (यूके07-बीवाई-1020) के वाहन स्वामी के मोबाइल नंबर पर उत्तराखंड यातायात पुलिस की ओर से आनलाइन चालान काटने का एसएमएस आया। वाहन स्वामी ने एसएमएस के लिंक पर जाकर चालान की विस्तृत जानकारी देखी तो पता चला कि चालान दून में घंटाघर पर नो-पार्किंग के आरोप में हुआ है और उस पर 500 रुपये जुर्माना अंकित था।
वाहन स्वामी इससे हैरानी में पड़ गए। क्योंकि वह सहानपुर में रहते हैं और चालान के समय स्कूटी भी उनके पास ही थी। चालान यातायात पुलिस के निरीक्षक जितेंद्र जोशी की ओर से किया गया था। वाहन स्वामी ने निरीक्षक जितेंद्र जोशी से फोन पर वार्ता की तो पता चला कि यह गलती आनलाइन चालान मशीन में वाहन का पंजीयन नंबर गलत दर्ज करने के कारण हुई है।
यातायात पुलिस ने यह गलती चालान मशीन में वाहन का नंबर दर्ज करते हुए की। जो कार घंटाघर पर खड़ी थी, उसका पंजीयन नंबर (यूके07-वीवाई-1020) था, लेकिन पुलिस ने वीवाई के बदले बीवाई दर्ज कर दिया जो जुपिटर स्कूटी का पंजीयन नंबर था
अब बुजुर्ग वाहन स्वामी को ही यातायात कार्यालय आकर प्रार्थना-पत्र देने को कहा जा रहा। हृदयरोगी होने के कारण उन्होंने पुलिस कार्यालय में आने में अस्मर्थता जताई, लेकिन निरीक्षक चालान निरस्त करने को तैयार नहीं हुए।