अगर आप दिल्ली, हरियाणा, गुजरात या अन्य जगह से घर लौटे हैं तो होम क्वारंटाइन के नियमों का पालन बेहद गंभीरता से करना पड़ेगा। घर से बाहर घूमते हुए मिलने पर क्वारंटाइन सेंटर भेजने के साथ मुकदमे की कार्रवाई का सामना भी करना पड़ेगा। ब्लॉक स्तर पर पर अलग-अलग टीम बनाई गई है। जो लगातार होम क्वारंटाइन हो चुके लोगों की निगरानी कर रहे हैं। स्थानीय लोगों से भी पूरा अपडेट लिया जाता है।
लॉकडाउन थर्ड में प्रवासियों की वापसी का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। अप्रैल में बाहर से आने वाले अधिकांश लोगों को राहत सेंटरों पर क्वारंटाइन किया गया था। जबकि अब हेल्थ स्क्रीनिंग के बाद घर भेजा जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की सूची संबंधित थाने और ब्लॉक में भी दी जा रही है। जिसके बाद विकासखंड स्तर से ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी के नेतृत्व में निगरानी टीमें बनी है।
आंगनबाड़ी व एएनएम वर्कर टीम में शामिल है। हर किसी के पास चार गांव का जिम्मों है। होम क्वारंटाइन हुए लोगों की लिस्ट के हिसाब से घरों में जाकर पुष्टि की जाती है। साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण भी होता है। रोजाना इसकी रिपोर्ट विकासखंड के माध्यम से डीपीआरओ तक भी पहुंचाई जाती है।