उत्तराखंड में वर्तमान में कोरोना के पांच सौ से कम एक्टिव केस, अबतक 42 लोगों की मौत

उत्तराखंड में कोरोना के मरीजों के ठीक होने का ग्राफ निरंतर ऊपर चढ़ रहा है। अभी तक 81.40 फीसद मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं। हालांकि, इस बीच नए केस आने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को भी 64 नए कोरोना मरीज मिले हैं, जबकि 76 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट आए। राज्य में अब तक मिले 3048 मरीजों में से 2481 लोग स्वस्थ हुए हैं। 498 का इलाज चल रहा है। कोरोना संक्रमित 27 लोग राज्य से बाहर जा चुके हैं, 42 लोगों की मौत हो चुकी है।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को 1406 सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली है, जिनमें 1342 की रिपोर्ट नेगेटिव और 64 केस पॉजिटिव हैं। इनमें सर्वाधिक 21 मामले जनपद देहरादून से हैं, जिनमें एम्स ऋषिकेश की एक नर्सिंग ऑफिसर भी शामिल है। ऊधमसिंहनगर में 12 लोगों में कोराना की पुष्टि हुई है। इनमें दो स्वास्थ्य कर्मी और छह पूर्व में संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोग हैं। इसके अलावा दिल्ली, मंगलौर और मुरादाबाद से लौटे चार लोगों की भी रिपोर्ट पॉजिटिव है। नैनीताल में 13 नए मामले हैं। इनमें नौ मुंबई और दो दिल्ली से लौटे हैं, जबकि दो की ट्रेवल हिस्ट्री अभी पता नहीं लग पाई है।

अल्मोड़ा में दिल्ली से लौटे आठ लोग संक्रमित मिले हैं। बागेश्वर में जिन तीन लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। वह भी दिल्ली से लौटे हैं। हरिद्वार में दो नए मामले आए हैं। यह दोनों पूर्व में संक्रमित पाए गए व्यक्ति के संपर्क में आए हैं। चंपावत में मुंबई से लौटे दो लोग और चमोली में कोलकता व गाजियाबाद से लौटे एक-एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव है। पिथौरागढ़ में भी दिल्ली से लौटे एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

महाराज को नहीं भायी कोरोना में मलेरिया की दवाई

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने दून अस्पताल में कोरोना मरीजों को मलेरिया की दवा दिए जाने पर सवाल उठाया है। महाराज के अनुसार दून अस्पताल में भर्ती रहे उनके स्टाफ के सात लोगों समेत अन्य लोगों से उन्हें जानकारी मिली कि कोरोना के उपचार के दौरान मलेरिया की दवा भी दी गई। इससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। महाराज ने बताया कि इस संबंध में वह मुख्यमंत्री को पत्र भेजने जा रहे हैं, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। कैबिनेट मंत्री महाराज के अनुसार वह मुख्यमंत्री से आग्रह करेंगे कि इस बारे में चिकित्सकों से विमर्श किया जाए, जिससे पता चल सके कि कोरोना मरीजों को मलेरिया की दवा क्यों दी जा रही है।

महाराज ने दून अस्पताल में साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराने, मरीजों के लिए गर्म पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने, मरीजों के लिए भोजन की व्यवस्था में सुधार करने, शौचालयों में पानी की उचित व्यवस्था कराने और आइसीयू के नजदीक शौचालय की व्यवस्था कराने पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को भेजे जाने वाले पत्र में इन सब बिंदुओं को शामिल किया जाएगा।

दून में 13 जवानों समेत 21 संक्रमित

दून में एक दिन की राहत के बाद फिर कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिले में सात सेना के जवान, आइटीबीपी के छह जवान, एक स्वस्थ्य कर्मी सहित 21 लोग कोराना संक्रमित पाए गए हैं। जिले में अब तक 734 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है, जिनमें 579 स्वस्थ भी हो चुके हैं। हाल में 112 मरीज अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर में भर्ती हैं। कोरोना संक्रमित 18 लोग बाहर जा चुके हैं, जबकि 25 लोगों की मौत हो चुकी है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि छत्तीसगढ़, चेन्नई, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, बंगाल समेत कई स्थानों से सेना के जवान हाल ही में लौटे हैं। उन्हें वापस आने पर क्वारंटाइन किया गया था। साथ ही उनकी जांच भी कराई जा रही है। जिन सात जवानों को कोरोना को पुष्टि हुई, उन्हें सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ दिन पहले भी सेना के आठ जवानों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके अलावा दिल्ली से लौटे एवं आइटीबीपी परिसर के बाहर ही क्वारंटाइन छह जवानों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनके साथियों को भी पूर्व में संक्रमण की पुष्टि हुई थी।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश की एक नर्सिंग अधिकारी, अफगानिस्तान से लौटे एक युवक, दून अस्पताल में पहले से भर्ती तीन लोग, एम्स में भर्ती एक व्यक्ति और मुंबई और गुजरात से लौटे एक-एक व्यक्ति की भी रिपेार्ट पॉजिटिव आई हैं। सभी को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

तीन कंटेनमेंट जोन समाप्त

जनपद में तीन और कंटेनमेंट जोन समाप्त हो गए। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि 28 दिन की अवधि पूर्ण करने पर तीनों इलाकों से पाबंदी हटा दी गई है। शुक्रवार को नगर निगम देहरादून में स्माइली बुक डिपो वाली गली, साईंलोक लेन-2 वसंत विहार और नगर निगम ऋषिकेश क्षेत्र में गली नंबर-4 भागीरथीपुरम चोपड़ा फार्म श्यामपुर क्षेत्र से पाबंदी हटा दी गई।

शिक्षकों की ट्रेनिंग का हिस्सा बना कोरोना

अकादमिक शोध और प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी ने बताया कि शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यो को वचरुअल क्लास के माध्यम से प्रशिक्षण देना शुरू किया गया है। प्रशिक्षण में पारंपरिक चीजों के अलावा कोरोना को लेकर विशेष चैप्टर रखा गया है। इसमें कोरोना वायरस की पूरी जानकारी रखी गई है। इसमें कोरोना वायरस की उत्पत्ति, इसकी बनावट, संक्रमण कैसे फैलता है, संक्रमण से बचाव के तरीके क्या हैं जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर शिक्षक और प्रधानाचार्यों को जानकारी दी जा रही है।

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