कांग्रेस ने यूक्रेन में बढ़ती तबाही के बीच वहां फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार से एक स्पष्ट रणनीति बताने को कहा है। साथ ही पार्टी ने सरकार से यह भी कहा है कि वह संतुलन साधने की कूटनीति को फिलहाल रोकते हुए रूस से बमबारी रोकने की मांग करे ताकि भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकाला जा सके। यूक्रेन से छात्रों को लाने के लिए चलाए जा रहे आपरेशन गंगा अभियान के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार से संकट में फंसे छात्रों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कई सवाल दागे।
यूक्रेन से छात्रों की निकासी का प्लान बताए सरकार : राहुल गांधी
कीव में एक भारतीय छात्र नवीन की मंगलवार को युद्ध के दौरान हुई मौत के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि और त्रासदी न हो इसके लिए केंद्र सरकार को बताना होगा कितने छात्रों को बचाकर लाया गया। कितने अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं और वहां के हर क्षेत्र के लिए विस्तृत निकास प्लान क्या है। राहुल ने कहा कि छात्रों के परिवारों को एक स्पष्ट रणनीति बताना हमारी जिम्मेदारी है।
छात्रों को निकालने में देरी के लिए सरकार जिम्मेदार : चिदंबरम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम ने छात्रों को यूक्रेन से निकालने में देरी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसने दिशा-निर्देश जारी करने में विलंब किया। पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार छात्रों को यह विश्वास कराने के लिए भी दोषी है कि यूक्रेन में कुछ भी होने की संभावना नहीं है। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपरेशन गंगा के तहत छात्रों को वापस लाने के अभियान के दौरान केंद्र सरकार के मंत्रियों पर पीआर कैंपेन चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक है कि एक भारतीय छात्र की दुखद मौत के बाद भी केंद्र सरकार की आंखें नहीं खुली हैं।
केंद्रीय मंत्रियों पर बरसे मनीष तिवारी
आइएएनएस के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने यूक्रेन से लौट रहे भारतीय छात्रों की केंद्रीय मंत्रियों द्वारा की जा रही अगवानी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया, स्मृति ईरानी, मनसुख मांडविया, आरके सिंह, जितेन्द्र सिंह और पीयूष गोयल जैसे मंत्रियों का लौट रहे लोगों के साथ फोटो खिंचवाना बहुत ही दयनीय है। आप लोग उन्हें सुरक्षित लाकर कोई अहसान नहीं कर रहे। यह आपका काम है। भारत सरकार पहले खाड़ी युद्ध से लोगों को संकटग्रस्त देशों से निकालकर ला चुकी है। यह कोई अनोखी बात नहीं है।