कोरोना महामारी में सीमित संसाधनों से जूझते पत्रकार-: विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस

३ मई को दुनिया भर में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यूनेस्को महासम्मेलन की अनुशंसा के बाद दिसंबर १९९३ में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ३ मई को प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की थी। तभी से हर साल ३ मई को ये दिन मनाया जाता है। अगर कहा जाए कि इस बार इसकी थीम है कोरोना संकट में मीडिया: न्यूनतम सुरक्षा सामग्री के बीच सूचना प्रवाह के लिये पत्रकारिता । बीते वर्षों की तरह इस वर्ष पत्रकारों के सामने एक एक नई चुनोती है कोरोना की खबरों का मुद्दा दुनिया के सामने एक चुनौती तो है ही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकार के सामने भी बड़ी चुनौती बनकर उभरा है जिससे दुनियाभर के देशों के पत्रकारों को कई संकटों का सामना करना पड़ रहा है ।न्यूनतम सुरक्षा का साधन ग्राउंड रिपोर्टिंग का दवाब के चलते हर वक़्त कम संसाधन के बीच सबसे ज्यादा असुरक्षित पत्रकार ही है। वहीं इन सबों के बीच कोरोना संक्रमण की फर्जी खबरों का असर आम जन पर न हो इसके लिये भी हर वक़्त तैयार रहना होता है। आज के सोशल मीडिया के दौर में फर्जी खबरें तेजी से फैलती हैं और बड़ी संख्या में लोग इनपर विश्वास भी कर लेते हैं। लेकिन इस वैश्विक माह संकट की घड़ी में कलम के सिपाहियों को मीडिया उस फर्जी को पड़ताल कर सही सूचना लोगो तक प्रेषित कर प्रशासनिक अधिकारियों को आने वाली परेशानी को वक्त से पहले खत्म कर देती है।।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *