हरिद्वार। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के किए गए एक हजार करोड़ की मानहानि के दावे का माखौल उड़ाते हुए योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि जिनकी कोई इज्जत नहीं, वो कर रहे एक हजार करोड़ की मानहानि का दावा। उन्होंने यह बात शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया के एक लाइव प्रोग्राम में कहीं।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि इस वक्त देश में धार्मिक, वैचारिक और सांस्कृतिक आतंकवाद तेजी से फैल रहा है। इसी में एक नए किस्म का आतंकवाद ट्रीटमेंट आतंकवाद भी पैदा हो गया है। कहा कि उनकी लड़ाई इनके खिलाफ हैं। एलोपैथिक का यह कारोबार करीब दो लाख करोड़ का है, वह इसके खिलाफ लड़ रहे हैं। सरकार चाहे उनका साथ दे या ना दे। भले ही सरकार उनका विरोध करें पर उनकी लड़ाई जारी रहेगी और वह इसमें सफल होंगे।
दोहराया कि उनका किसी पैथी से कोई मुकाबला नहीं, विरोध नहीं। कहा कि आकस्मिक स्थितियों में वह एलोपैथी इलाज और चिकित्सा को जरूरी समझते हैं, मान्यता देते हैं, पर इसका मतलब यह नहीं कि इलाज की केवल यही अवस्था है और यही विधि है। एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति को निशाना बना कहा कि आपके पास लाइफ सेविंग ड्रग्स और एडवांस सर्जरी है। कहा, हम यह मानते हैं पर, आपके पास यह दो चीज है तो हमारे पास 98 चीज हैं। दावा किया कि योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा बिना सर्जरी और बिना दवा के स्वस्थ जीवन शैली देता है और 1000 से अधिक व्याधियों का इलाज करता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस वक्त देश दुनिया के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए जिन-जिन भी दवाओं का इस्तेमाल उपयोग किया जा रहा है, उनमें से किसी भी एक दवा का कोरोना के इलाज प्रोटोकॉल के तहत क्लीनिकल ट्रायल अब तक नहीं हुआ है। सवाल उठाया की तो फिर किस आधार पर इन दवाओं का इस्तेमाल कोरोना संक्रमित मरीजों पर किया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया पर लाइव प्रोग्राम के तहत योगगुरु बाबा रामदेव अपनी बात प्रमुखता से कह रहे थे।