चौबेपुर के बिकरू गांव में शिवराजपुर, बिठूर और चौबेपुर से पुलिस फोर्स लेकर आधी रात सीओ बिल्हौर के दबिश देने की भनक शायद हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पहले से लग गई थी। पुलिस जवानों की मानें तो रात में बीच रास्ते पर जेसीबी खड़ी कर दी गई थी, इससे साफ है कि पुलिस दबिश की जानकारी पहले से हो गई थी। यही वजह रही पुलिस के पहुंचते ही फायरिंग शुरू हो गई। सीओ, दारोगा व सिपाहियों को जिस तरह मारा गया, उससे प्रतीत हो रहा है कि पहले से ही पूरी तैयारी कर ली गई थी। गांव में सर्च ऑपरेशन करके पुलिस हमलावरों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।
बताया गया है कि इस वर्ष होली में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और गांव के बीनू तिवारी के बीच भिड़ंत हो गई थी। दोनो पक्षों के बीच कई राउंड फायरिंग होने से गांव में दहशत का माहौल बन गया था। पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर मुकदमे दर्ज किए थे, हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ भी हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस घटना में विकास दुबे फरार हो गए थे। हालांकि कई अन्य मामलों में पुलिस वांछित विकास दुबे की तलाश कर रही थी। वहीं पुलिस को सूचना मिली थी पिंटू हत्याकांड में शामिल शूटर भी विकास दुबे के घर में पनाह लिए हुए हैं। इसकी सूचना पर बिठूर चौबेपुर और शिवराजपुर थाना क्षेत्रों की फोर्स लेकर बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा रात में दबिश डालने गांव गए थे।
पुलिस कर्मियों ने बताया कि पहले बीच सड़क पर जेसीबी खड़ी करके पुलिस टीम को रोकने की कोशिश की गई। बाद में गांव के अंदर पुलिस टीम दाखिल हुई तो हमला कर दिया गया। तीन पुलिस टीमें बनाई गई थी, हमला होने पर एक टीम पीछे हटकर बैकअप करने लगी। वहीं दो टीम के सदस्यों ने आगे बढ़कर मोर्चा लिया। बताया जा रहा है कि आगे बढ़ रहे सीओ ने एक घर के अंदर घुसकर मोर्चा लेने की कोशिश की तो बदमाशों ने उन्हें बाहर खींच लिया और उनके सिर पर गोली मार दी। इसी तरह सिपाहियों को पकड़कर लिया और पीट-पीटकर माैत के घाट उतार दिया।