भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद पर चीन की धमकी भरे बर्ताव की ब्रिटिश सांसदों ने कड़ी निंदा की और संसद में इसको लेकर चिंता जताई। इसके साथ ही सांसदों ने चीन पर ब्रिटेन की निर्भरता की समीक्षा किए जाने का भी आग्रह किया। सोमवार शाम हाउस ऑफ कॉमन्स में कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद इयान डंकन स्मिथ ने शिनजियांग प्रांत में उइगर अल्पसंख्यक समुदाय के साथ चीनी सरकार के दुर्व्यवहार का भी मुद्दा उठाया।
इयान डंकन स्मिथ ने चीन पर जमकर हमला बोला
स्मिथ ने मानवाधिकारों पर चीनी सरकार के भयावह रिकॉर्ड, हांगकांग में स्वतंत्रता पर हमला, दक्षिण चीन सागर से भारत तक के सीमा विवादों में उसके धमकी भरे व्यवहार, मुक्त बाजार को संचालित करने वाले नियमों के उल्लंघन व कोविड-19 की देर से घोषणा आदि को लेकर चीन पर जमकर हमला बोला और पूछा कि क्या सरकार अब चीन पर ब्रिटेन की निर्भरता की आंतरिक समीक्षा शुरू करेगी।
अपनी चिंताओं को चीन के समक्ष उठाती रही है ब्रिटिश सरकार
इसके जवाब में एशिया मामलों के ब्रिटिश मंत्री निगेल एडम्स ने कहा कि ब्रिटेन सरकार विभिन्न मुद्दों पर अपनी चिंताओं को नियमित रूप से चीन के समक्ष उठाती रही है। विपक्षी लेबर पार्टी के सांसद स्टीफन किन्नॉक ने भी अपने लोगों और पड़ोसी देशों के प्रति चीन के व्यवहार को लेकर मंत्री से सवाल पूछे। एडम्स ने कहा कि ब्रिटेन इन मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से तथा संयुक्त राष्ट्र में हमेशा उठाता रहा है।
लद्दाख में जो भी हुआ, वह चीन की क्रूर नीति का हिस्सा
उधर, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट सी ओ ब्रायन ने कहा था कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और उसके महासचिव शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन से जो खतरा उत्पन्न हुआ है, उसे समझने में दुनिया ने देरी की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अमेरिका से भी चूक हुई है। अमेरिकी विदेश नीति चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की चाल को समझने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा, पूर्वी लद्दाख में जो भी हुआ वह चीन की क्रूर नीति का एक हिस्सा है। उससे दुनिया को सबक लेना चाहिए।