कोरोना वायरस के संक्रमण काल में हर वर्ग की चिंता करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गन्ना किसानों का लम्बे समय से बकाया का शुक्रवार को भुगतान किया है। अब तक प्रदेश सरकार किसानों का एक लाख करोड़ रुपया भुगतान कर चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी आवास पर गन्ना किसानों का बकाया रुपया ऑनलाइन से भुगतान किया है। किसानों की यह बकाया धनराशि उनके खाते में सीधा ट्रांसफर की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बटन दबाकर किसानों के खातों में गन्ना मूल्य के भुगतान स्वरूप 418 करोड़ रुपये की धनराशि ऑनलाइन ट्रांसफर की। इसके साथ ही सरकार ने तीन वर्ष के अपने कार्यकाल में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि के गन्ना मूल्य भुगतान का रिकॉर्ड बनाया। तीन साल में योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक लाख 325 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान करने का रिकार्ड बनाया है। अभी तक किसी सरकार ने इतना भुगतान पांच साल के कार्यकाल के दौरान भी नहीं किया है। गन्ना किसानों को अब तक का सर्वाधिक भुगतान करने का रिकॉर्ड भी योगी आदित्यनाथ सरकार के नाम ही है।
सरकार ने तीन वर्ष में रिकॉर्ड भुगतान किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इससे पहले की सरकार के सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। पिछली सभी सरकारों के सारे रिकार्ड टूट गए है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस सरकार ने तीन वर्ष में अब तक एक लाख करोड़ से अधिक की धनराशि का किसानों को भुगतान किया है। भुगतान के मामले में पिछली सरकारों के पांच वर्ष साल का रिकार्ड टूट गया है।
इस अवसर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डिजिटल दीपक प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मुजफफरनगर के किसान अरविंद मलिक ने इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वार्ता की। उन्होंने कहा मुजफ्फरनगर में पहले अपहरण तथा क्राइम का उद्योग फलफूल रहा था, अब स्थिति बदल गई है। किसानों को उनकी मेहनत का भुगतान हो रहा है। अब किसी भी किसान का गन्ना भुगतान बकाया नहीं है।
मेरठ के किसान विनोद सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी कोरोना काल में भी आप किसानों से रूबरू हो रहे हैं। ई-पर्ची से हमको काफी सुविधा मिली। हमें अपने पेमेंट की जानकारी मिली और हम अपडेट रहे। भुगतान के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कुशीनगर, गोरखपुर, बागपत तथा अन्य जिलों से किसानों से उनका हालचाल जाना। इस अवसर पर गन्ना मंत्री सुरेश राणा, राज्य मंत्री सुरेश पासी तथा अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी भी मौजूद थे।
मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने जब प्रदेश के सीएम की गद्दी संभाली तो सबसे पहले किसानों को राहत दी। कृषि ऋण माफ करने के साथ ही गन्ना किसानों का लंबित भुगतान कराने की ठान ली। अब तक सरकार तीन वर्ष के समय में गन्ना किसानों को एक लाख करोड़ से अधिक की धनराशि का भुगतान करा चुकी है। सरकार ने तीन वर्ष में ही अपने कार्यकाल से पहले के पांच वर्ष के भुगतान को निपटाने के बाद हाल के भी गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है।
उत्तर प्रदेश में 48 लाख गन्ना किसान हैं। इनके हितों को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के दौरान 119 चीनी मिलें प्रदेश में चलती रहीं। प्रत्येक मिल में 25 से 40 हजार किसान जुड़े हुए हैं। एक-एक मिल 8 से 10 हजार लोगों को रोजगार देती है। लॉकडाउन के दौरान भी इन मिलों के चलते रहने से कोई परेशानी नहीं आई। इसका नतीजा रहा कि उत्तर प्रदेश में गन्ना और चीनी उत्पादन में प्रदेश पहले स्थान पर रहा। उत्तर प्रदेश में 2007 से 2012 तक 19 चीनी मिले बंद हुईं थी, जबकि 2012 से 2017 तक 10 मिलें बंद की गईं, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन साल में 18 से ज्यादा चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाई है। साथ ही पुरानी मिलों को भी चालू कराया और मिलों का संचालन किया।