उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी को पत्र लिखकर करारा जवाब दिया। सात पेज के पत्र में सीएम योगी ने लिखा कि उत्तर प्रदेश सरकार व उसका कोई भी अधिकारी कोरोना संक्रमितों की संख्या छिपाने का कोई प्रयास नहीं कर रहा है। बल्कि अधिक से अधिक सर्विलांस एवं सर्वे के जरिए लोगों की पहचान व टेस्टिंग की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम गोविंद चौधरी के चार मई के पत्र के जवाब में यह पत्र लिखा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्र में लिखा है कि 2.50 करोड़ से अधिक व्यक्तियों का सर्वे कराकर सर्विलांस पर रखा गया है। सभी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी पूरे मनोयोग के साथ कोविड 19 की रोकथाम एवं बचाव में जुटे हुए हैं। ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के बजाय निरर्थक आरोप लगाना उचित नहीं है। हमें सकारात्मक बनकर कोरोना महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में सहभागी बनना चाहिए।
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा था कि अधिकारी कोरोना संक्रमितों की संख्या जानबूझ कर छिपा रहे हैं। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के पैदल चलने का भी मुद्दा उठाया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके आरोपों का विस्तार से जवाब दिया है। उन्होंने बताया कि कैसे कोरोना संकट से निपटने में उनकी सरकार व्यापक अभियान चला रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी यूरोप के सबसे बड़े देशों जैसे फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, इटली व स्पेन की संयुक्त आबादी से भी अधिक है। एक तरफ जहां इन देशों में संक्रमण संख्या आठ लाख से अधिक है और एक लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 2969 है। उपचार से ठीक होने वाले 1080 तथा मृतक 58 हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि यूपी दिल्ली बॉर्डर पर लाखों कामगार बिना किसी सहारे के छोड़ दिए गए थे। उन्हें रातों रात बस लगा कर प्रदेश में लाया गया। कोटा, राजस्थान में फंसे 12 हजार से अधिक तथा प्रयागराज में 15 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को भी निश्शुल्क बसों से घरों तक पहुंचाया गया। देश में इस व्यवस्था की पहल सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने की थी, इसका अनुसरण अन्य प्रदेशों ने भी किया।
सीएम ने कहा कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में लगभग 42 हजार आइसोलेशन बेड, लगभग 21,500 क्वारंटाइन बेड व 1209 वेंटीलेटर उपलब्ध हैं। सरकार ने प्रवासियों के ठहरने के लिए हर जिले में 15 से 20 हजार क्षमता का प्रबंध किया है। कुल 15 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 17 हजार प्रवासी कामगार-श्रमिक प्रदेश में लाए जा चुके हैं। सरकार ने प्रतिदिन 30 हजार प्रवासी श्रमिकों को लाने की व्यवस्था की है। प्रदेश सरकार संवेदनशील है और दूसरे राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने यहां से कामगारों-श्रमिकों को पैदल न आने दें।