कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लागू किया गया लॉकडाउन ही सभी को अब सबसे मुख्य सुरक्षा कवच नजर आ रहा है। लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने या न बढ़ाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार के स्तर से चल रहे मंथन में उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकतर मंत्री इसी पक्ष में हैं कि फिलहाल लॉकडाउन न खोला जाए। हालांकि, निर्णय केंद्र सरकार को ही करना है।
एक महीने से अधिक समय से चल रहे लॉकडाउन की अवधि तीन मई को खत्म हो रही है। सभी अपने-अपने हिसाब से कयास लगा रहे हैं कि चार मई से लॉकडाउन खुलेगा या नहीं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर निर्णय के लिए सभी राज्यों से कोरोना संक्रमण की रोकथाम की कार्ययोजना के साथ ही लॉकडाउन पर सुझाव भी मांगे हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों से चर्चा का सिलसिला शुरू कर दिया है।
इसके तहत मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ लोकभवन में बैठक की और सुझाव मांगे। सूत्रों के अनुसार, अधिकतर मंत्री फिलहाल लॉकडाउन खोलने के पक्ष में नहीं थे। सभी ने आशंका जताई कि किसी भी कारण से यदि कहीं भीड़ एकत्र होती है तो इससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा। कुछ मंत्रियों ने रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के आधार पर लॉकडाउन में राहत देने का सुझाव भी रखा। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसी विषय पर राज्य मंत्रियों के साथ बैठक कर सुझाव लेंगे। फिर सभी सुझावों के निष्कर्ष के आधार पर वह केंद्र सरकार को अपना प्रस्ताव भेजेंगे।
ग्रीन और ऑरेंज जोन में शुरू होंगी गतिविधियां
उत्तर प्रदेश में ग्रीन और ऑरेंज जोन बनाकर गतिविधियां शुरू करने की तैयारी प्रदेश सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रीन और ऑरेंज जोन में विभिन्न गतिविधियां शुरू करने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि तीन मई के बाद औद्योगिक इकाइयों को कैसे चलाया जाए, इस पर कार्ययोजना बनाएं।
ये है जोन व्यवस्था
- रेड जोन : इनमें वे जिले आते हैं जिनमें कोरोना संक्रमण के हॉटस्पॉट हैं और जिसमें इस महामारी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसमें वे जिले भी आते हैं जिनमें कोरोना संक्रमण के दोगुने होने की रफ्तार चार दिनों से कम है।
- ऑरेंज जोन : इसमें वे जिले आते हैं जिनमें पिछले 14 दिनों में कोरोना संक्रमण का कोई मामला न रिपोर्ट हुआ हो।
- ग्रीन जोन : इसमें वे जिले आते हैं जिनमें कोरोना संक्रमण का अब तक कोई मामला न आया हो या पिछले 28 दिनों के दौरान कोरोना संक्रमण का कोई नया केस न आया हो।
ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू होंगी एमएसएमई इकाइयां
यूपी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में स्थित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों (एमएसएमई) को खोलने का फैसला किया है। ख्य सचिव आरके तिवारी ने जिलाधिकारियों से कहा है कि अपने जिलों में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए हॉटस्पॉट कंटेनमेंट जोन से बाहर गामीण क्षेत्रों में स्थापित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को ही चलाने की अनुमति दी जाए। इन उद्योगों को गृह और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी विभिन्न निर्देशों का पालन कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा है कि जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त स्थानीय चिकित्सा अधिकारियों के साथ समय-समय पर इन उद्योगों का निरीक्षण कर शारीरिक दूरी और सैनिटाइजेशन आदि व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते रहें। इकाइयों के कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग कराने के साथ-साथ औचक आधार पर कुछ कर्मचारियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट भी कराने के लिए कहा है।