उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में पहचान रखने वाले सिखों के प्रमुख तीर्थ हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई को सुबह 10:30 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सरदार नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने भारतीय सेना और अपने दल के साथ यात्रा मार्ग का संयुक्त निरीक्षण किया।
जिसके बाद राज्य सरकार से विचार विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के कपाट रविवार 22 मई को सुबह 10:30 बजे खोले जाएंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रस्ट की ओर से अपने सभी गुरुद्वारों, धर्मशाला और विश्राम स्थलों में रखरखाव का कार्य प्रारंभ कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि भारतीय सेना भी अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में यात्रा मार्ग पर बर्फ कटान का कार्य शुरू करेगी। गुरुद्वारा ट्रस्ट प्रशासन और स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर हेमकुंड साहिब की यात्रा को सुलभ बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
माहे रमजान से पहले कलियर में उमड़े जायरीन
कलियर: रमजान माह शुरू होने से पूर्व कलियर में जायरीन उमडऩे लगे हैं। भीड़ के आगे सभी इंतजाम नाकाफी साबित हुए। यहां तक की पानी के लिए भी जायरीन तरस गए। घंटों तक तेज धूप में तपते फर्श पर खड़े होकर जायरीन ने अमन चेन की दुआ मांगी।
माना जा रहा है कि चांद के नजर आने के साथ ही शनिवार से रमजान माह की शुरुआत हो जाएगी। गुरुवार को रमजान माह से आखिरी जुमेरात भी थी। इस कारण दूरदराज से बड़ी संख्या में कलियर में जियारत करने के लिए जायरीन पहुंचना शुरू हो गए थे। सुबह दस बजे तक पूरा मेला क्षेत्र जायरीन से भर गया था। दरगाह प्रशासन की ओर से जायरीन के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।
दरगाह क्षेत्र में पानी का भी कोई इंतजाम नहीं किया गया था। दोपहर के समय थोड़ी भीड़ कम हुई लेकिन शाम होते-होते फिर से भीड़ बढ़ गई। दरगाह मोअज्जम अब्दुल सलाम ने बताया कि वैसे तो यह सामान्य जुमेरात है, लेकिन दो दिन बाद रमजान शुरू होने वाले है इसलिए यहां पर भीड़ उमड़ी है। दरगाह प्रबंधक शाफिक अहमद ने बताया कि दरगाह सुपरवाइजरों को सभी सुविधाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। उन्हें कई जगह से व्यवस्था दुरुस्त न होने की शिकायत मिली है। जिस पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।