उत्तराखंड में संक्रमित मरीजों के रिकवरी रेट में सुधार, 63 प्रतिशत मरीज स्वस्थ्य हो चुके

उत्तराखंड में संक्रमित मरीजों के रिकवरी रेट में सुधार जारी है। अब तक करीब 63 प्रतिशत मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं। इस बीच, मंगलवार को कोरोना संक्रमण के 97 नए मामले आए हैं, जिसके बाद संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1942 हो गई है। हालांकि, कुल संक्रमित मरीजों में से अब तक 1216 लोग ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके हैं। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों में 688 मरीज भर्ती हैं। कोरोना पॉजिटिव 13 लोग राज्य से बाहर जा चुके हैं, जबकि 25 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को अलग-अलग लैब से 1319 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। इनमें 1222 मामलों में रिपोर्ट नेगेटिव और 97 की पॉजिटिव आई है। देहरादून में निजी अस्पताल की एक स्टाफ नर्स, एसडीआरएफ का जवान, निरंजनपुर मंडी से जुड़े तीन लोग, बुलंदशहर से लौटा एक व्यक्ति, दिल्ली से लौटे दो शख्स और निजी विवि के हॉस्टल में रह रही एक छात्र समेत 18 की रिपोर्ट पॉजिटिव हैं। हरिद्वार में 27 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें एक पूर्व में कोरोना पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के संपर्क में आया शख्स है। जबकि दिल्ली, मुंबई और बागपत से लौटे 15 लोग संक्रमित मिले हैं। वहीं, दस अन्य की ट्रेवल हिस्ट्री अभी पता नहीं लग पाई है।

टिहरी में पुणो और पटियाला से लौटे 14 और लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। उधर, अल्मोड़ा में भी 10 और व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिले हैं। ये मुंबई, दिल्ली और गुरुग्राम से लौटे थे। उधमसिंहनगर में भी नोएडा, गुरुग्राम, दिल्ली और देहरादून से लौटे आठ लोग संक्रमित मिले हैं। पिथौरागढ़ में दिल्ली व मेरठ से लौटे सात और लोग भी कोरोना की चपेट में आए हैं। उत्तरकाशी में पांच नए मामले सामने आए हैं। ये लोग दिल्ली व हरियाणा से लौटे हैं। इसके अलावा नैनीताल में नोएडा से लौटे दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव है। पौड़ी में दिल्ली व राजस्थान से लौटे दो लोगों समेत छह में कोरोना की पुष्टि हुई है। इधर, 27 मरीज मंगलवार को डिस्चार्ज भी हुए हैं। इनमें हरिद्वार से 12, देहरादून व नैनीताल से छह-छह, टिहरी से दो और अल्मोड़ा से एक मरीज ठीक हुआ है।

अभी तक की तस्वीर

कुल स्वस्थ 1216

कुल सक्रिय केस 688

कुल संक्रमित 1942

मौतें  25

कोरोना के शक में 15 घंटे पड़ा रहा माली का शव

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की रायपुर के नेहरूग्राम स्थित नर्सरी में मंगलवार भोर में माली की मौत हो गई। माली पूर्व में कोरोना संक्रमित पाया गया था। वह दस दिन दून अस्पताल में भर्ती भी रहा। अस्पताल से उसे दस जून को डिस्चार्ज किया गया था, तभी से वह होम क्वारंटाइन में था। मगर यहां पर सिस्टम की हीलाहवाली सामने आई। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग शव उठाने को लेकर एक-दूसरे पर बात टालते रहे। ऐसे में करीब 15 घंटे के बाद शव को माली के जान-पहचान वालों ने उठाकर श्री महंत इंदिरेश अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचाया। स्वजनों के आने के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

रायपुर पुलिस को सुबह करीब नौ बजे सूचना मिली कि नेहरू ग्राम स्थित ब्रह्मवाटिका नर्सरी में सिक्किम निवासी रतन बहादुर की मौत हो गई है। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो माली के साथ काम करने वाले लोगों ने बताया कि पूर्व में माली को कोरोना पॉजिटिव आने के कारण दून में भर्ती करवाया गया था, वह 10 जून को ही डिस्चार्ज होकर नर्सरी आया था। मंगलवार भोर में करीब तीन बजे उसकी मौत हुई।

घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को घटना की जानकारी दी। इस दौरान प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया कि यह प्राकृतिक मौत है, इसलिए स्वजन अंतिम संस्कार कर सकते हैं। जबकि, पुलिस का कहना था कि 10 जून को वह अस्पताल से आया है, ऐसे में संभावना है कि वह कोरोना पॉजिटिव हो सकता है। इसलिए जब तक गाइडलाइन का पता नहीं चल जाता, शव को कैसे हाथ लगाया जा सकता है।

घंटों बनी रही कशमकश की स्थिति

सुबह ही नर्सरी में पुलिस और एंबुलेंस पहुंच गई थी, लेकिन बिना गाइडलाइन के किसी ने शव को हाथ नहीं लगाया। शाम तक पुलिस टीम मौजूद रही। इस बीच प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी शव को कहीं भिजवाने को तैयार नहीं हुए। वहीं, एसडीएम सदर ने बताया कि माली की मृत्यु सामान्य तौर पर हुई है। ऐसे में स्वजन अंतिम संस्कार कर सकते है। इस संबंध में पुलिस को बता दिया गया है।

कैंप्टीफाल में बाजार खोलने के पक्ष में नहीं व्यापारी 

मसूरी के निकट कैंप्टीफाल में अभी व्यापारी बाजार खोलने के पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं। कोरोना के मद्देनजर यहां के बाजार बंद पड़े हैं। इससे यह पर्यटक स्थल सूना पड़ा है। कैंप्टीफाल के व्यापार संघ अध्यक्ष सुंदर सिंह रावत ने बताया कि जब पर्यटक ही नहीं आ रहे हैं तो बाजार खोलने का कोई ओचित्य नहीं है। कोविड से सुरक्षा के लिए फिलहाल  बाजार बंद रखना ही श्रेयकर होगा। फिर भी एक दो दिनों में व्यापारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

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