देहरादून। आज उत्तराखंड कैबिनेट के निर्णय निम्नानुसार हैं, जिनकी जानकारी प्रबक्ता मदन कौशिक ने दी।
कोविड 19 पर कैबिनेट ने की चर्चा, 25380 सेम्पल लिए गए,19702 निगेटिव आये है 500 पॉजिटिव आये हैं। कोविड-19 को लेकर उत्तराखंड कैबिनेट में गंभीरता से चर्चा की गई जोन का निर्धारण किस तरीके से किया जाता है इस बात पर भी गंभीरता से चर्चा की गई,शाम तक उत्तराखंड के जोन में हो सकता है परिवर्तन रेड जोन में जा सकते हैं कई जिले।4.55डबलिंग रेट है।
सरकारी कर्मचारियों के नहीं कटेंगे वेतन भत्ते, मुख्य सचिव से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक एकदिवसीय वेतन कोविड-19 फंड में जमा कराएंगे। इस वित्तीय वर्ष में शेष महीनों से एक दिवसीय वेतन कोविड-19 फंड में लिया जाएगा। सभी विधायकों का 30 फ़ीसदी भत्ते सरकार की ओर से काटने का निर्णय लिया गया।
रजिस्टरी की नकल लेने के लिए डिजिटलाइजेशन का होगा इस्तेमाल।2 रुपये प्रति पृष्ठ ओर अधिकतम 100 रु।
स्वास्थ्य विभाग में नियुक्तियों के लिए 3 महीने का समय पहले निर्धारित किया गया था जिसको बढ़ाकर 1 साल किया गया।
मेगा इंडस्ट्रियल नीति 2015 में किया आंशिक संशोधन।31 मार्च 2020 से 2020 जून तक बढ़ाया गया।
तेरह करोड़ 40 लाख से बनने वाले उत्तरकाशी में कोल्ड स्टोरेज को मंडी परिषद को दी अनुमति।
सभी दायित्व धारियों का 5 दिन का वेतन प्रत्येक महीने मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया जाएगा
मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना को मिली हरी झंडी।
उत्तराखंड कैबिनेट का फैसला क्वॉरेंटाइन होने वाले सभी राज्य कर्मचारियों को देना होगा क्वॉरेंटाइन का पूरा ब्यौरा उसके बाद ही मिलेगा 28 दिन का भुगतान।
खनिज नीति 2008 के खंड क में किया गया संशोधन। जीएमवीएन के सभी खनिज पट्टो की नीलामी का समय पर एक साल से बढ़ा कर 5 साल किया गया। टेंडर प्रक्रिया में कोई भी आवेदक के नहीं आने पर जीएमबीएन स्वयं पट्टो का संचालन करेगा।
कोविड-19 में इस्तेमाल होने वाले राजकीय मेडिकल कॉलेज के निदेशक को 1करोड़ रुपए खर्च करने का दिया वितीयअधिकार।
श्रम सुधार अधिनियम 1926 में किया आंशिक संशोधन। किसी भी उद्योग में यूनियन बनाने के लिए तीस फीसदी कर्मचारियों को मिलेगी अनुमति। एक ही यूनियन होगी माने।
पंचायत राज अधिनियम में किया आंशिक संशोधन अध्यादेश के जरिए सरकार ने लिया फैसला। जहां ग्राम प्रधान निर्वाचित नहीं हो पाए वहां 6 महीने के लिए प्रतिनिधि को नामित किया जाएगा।
जिला योजना की बैठक नहीं होने पर राज्य सरकार लाई अध्यादेश। जिला अधिकारी प्रभारी मंत्रियों के अनुमोदन के बाद जिला योजना में होने वाले खर्च को कर सकेंगे।