गलवन की घटना के बाद भी उत्तराखंड की कुमाऊं से लगती चीन सीमा पर शांति है। हालांकि सेना और आइटीबीपी के जवानों की संख्या यहां बढ़ा दी गई है। वहीं, नेपाल की ओर से सीमा पर सैन्य गतिविधि बढ़ा दी गई है। रोजाना सेना के हेलीकॉप्टर सीमा के आसपास उड़ान भर रहे हैं। रविवार को भी कई बार हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी।
लद्दाख के गलवन घाटी की घटना के बाद चीन सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। पिथौरागढ़ में चीन से लगी सीमा 136 किमी है। आइटीबीपी के जवान और सेना के जवान सीमा पर मुस्तैद हैं। इस सब के बीच चीन सीमा पर शांति बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ नेपाल में घाटीबगड़ से बुजी तक नेपाली सेना की ओर से बनाए जा रहे मार्ग के लिए सामान पहुंचाने और छांगरु क्षेत्र की रेकी के लिए प्रतिदिन एक छोटा हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहा है।
नेपाल में घाटीबगड़ से बुजी तक चार सौ मीटर पैदल मार्ग ध्वस्त है। इसे ठीक करने की जिम्मेदारी नेपाल सरकार ने सेना को दी है। चार सौ मीटर मार्ग बनने पर ही नेपाल में सदर मुकाम दार्चुला से छांगरु तक आवाजाही हो सकेगी। नेपाल ने इस समय छांगरु में नेपाल सशस्त्र बल की बीओपी खोली है और घाटीबगड़ में सेना की एक टुकड़ी तैनात की है। ऐसे में हेलीकॉप्टर से गश्त ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है।