उत्तराखंड में मानसून निर्धारित समय पर पहुंच गया। इसके साथ ही बारिश का दौर शुरू हो गया। गढ़वाल और कुमाऊं के अधिकांश जिलों में मंगलवार की रात से बुधवार की सुबह तक लगातार बारिश होती रही। वहीं, कुमाऊं में तेज बारिश का दौर जारी है। बारिश के चलते टनकपुर चंपावत राजमार्ग पर धौन के पास भूस्खलन से आए मलबे ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया।
उत्तराखंड में मौसम विभाग ने मानसून पहुंचने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। प्रदेश में मानसून की निर्धारित तिथि 23 या 25 जून है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटे में मानसून पूरे प्रदेश में सक्रिय हो जाएगा। इस बीच 25 जून को देहरादून, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और पिथौरागढ़ में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून कुमाऊं के पिथौरागढ़ और चंपावत के साथ ही आसपास के क्षेत्र में सक्रिय हो गया है। उन्होंने कहा कि दो दिन में यह पूरे राज्य में सक्रिय हो जाएगा। इसके अलावा मानसून की उत्तरी सीमा भी रुद्रप्रयाग और मुक्तेश्वर से गुजर रही है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में वर्ष भर में औसतन 1521 मिमी बारिश होती है। मानसून सीजन के दौरान यह आंकड़ा 1229 मिमी रहता है। वर्ष 2019 में मानसून सीजन में 1462 मिमी बारिश हुई थी, जो सामान्य से करीब 18 फीसद अधिक रही। इस वर्ष भी सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार हैं।
मानसून ने हल्की बौछारों के साथ दर्ज कराई उपस्थिति
मंगलवार को दोपहर के समय उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक दी। लेकिन, पहले दिन दोपहर में मानसून की बारिश बेहद कम रही। दिनभर में कुमाऊं के कुछ क्षेत्रों में हल्की बौछारों के दो से तीन दौर हुए। पौड़ी, देहरादून, रुद्रप्रयाग और चमोली के कुछ क्षेत्रों में तेज बौछारें पड़ीं।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पिथौरागढ़ और चंपावत के साथ ही देहरादून, टिहरी, उधमसिंह नगर व बागेश्वर में बुधवार से बारिश का सिलसिला तेज हो जाएगा। बुधवार की सबह गढ़वाल क्षेत्र में बारिश कुछ थम गई और आसमान में बादल छाए रहे। वहीं, कुमाऊं में नैनीताल, रामनगर, पिथौरागढ़, बागेश्वर में सुबह भी बारिश का दौर चलता रहा। बारिश के चलते टनकपुर चंपावत राजमार्ग पर धौन के पास भूस्खलन से आए मलबे से अवरुद्ध हो गया।
देर रात प्रदेशभर में झमाझम बारिश का दौर शुरू
मानसून की दस्तक के बाद मंगलवार देर रात प्रदेशभर में बारिश का दौर तेज हो गया। कई जिलों में दिनभर धूप और उमस के बाद रात को झमाझम बारिश हुई। मसूरी, पौड़ी्, चमोली में काले बादलों के साथ बारिश शुरू हुई। जबकि, उत्तरकाशी के डुंडा तहसील में अतिवृष्टि की सूचना है। देर रात कई नदियां भी उफान पर आ गईं। देहरादून में भी मध्यरात्रि के बाद मौसम ने करवट बदल ली। गढ़वाल के साथ ही देहरादून, हरिद्वार क्षेत्र में बारिश का दौर सुबह ही थमा। वहीं, कुमाऊं के कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश का दौर चल रहा है।
15 साल में सिर्फ चार बार देरी से पहुंचा मानसून
उत्तराखंड में 15 साल में सिर्फ चार मौके ही ऐसे आए, जब मानसून करीब एक सप्ताह विलंब से पहुंचा। यानी तब यहां जुलाई में मानसून सक्रिय हो पाया। वर्ष 2010, 2012 व 2014 और 2017 को छोड़कर मानसून वक्त पर पहुंचा है।
राज्य में मानसून का आगमन
वर्ष—————–तिथि
2005———–26 जून
2006———–29 जून
2007———–16 जून
2008———–13 जून
2009———–29 जून
2010———–05 जुलाई
2011———–20 जून
2012———–05 जुलाई
2013———–15 जून
2014———–01 जुलाई
2015———–24 जून
2016———–21 जून
2017———–01 जुलाई
2018———–30 जून
2019———–24 जून
2020———–23 जून