मध्य प्रदेश में दो दिन पहले ही शिवराज मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार हुआ है। राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार को अभी कुछ ही दिन हुए हैं लेकिन शिवराज सरकार अभी से पूरे एक्शन में आ गई है। शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार होने के साथ ही मंत्रालय में गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। गृह विभाग ने शुक्रवार को मंत्रियों को दिए जाने वाले सरकारी आवास को लेकर समीक्षा की। उधर, संपदा संचालनालय के निष्कासन अधिकारी ने सभी पूर्व मंत्रियों को बंगले खाली करने का आखिरी नोटिस जारी कर दिया है। अब पूर्व मंत्रियों से आवास खाली कराने की कार्रवाई को तहसीलदार अंजाम देंगे।
संपदा संचालनालय काफी दिनों से पूर्व मंत्रियों से आवास खाली कराने की कार्रवाई कर रहा है, लेकिन अभी तक उसे खास सफलता हासिल नहीं हुई है। अभी तक सिर्फ पूर्व मंत्री तरण भनोत और हुकुम सिंह करा़़डा ने ही आवास खाली किए हैं। भनोत को विधानसभा के कोटे से पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह को आवंटित आवास दिया है। वहीं, डॉ. गोविंद सिंह अपना सामान बांध चुके हैं और उन्होंने सरकार से दूसरा आवास देने के चार घंटे बाद आवास खाली करने का पत्र लिखा है। इसी तरह अन्य पूर्व मंत्री भी सरकार से वैकल्पिक आवास देने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, अधिकांश पूर्व मंत्री वरिष्ठ विधायक हैं और सामान्यत: इन्हें विधानसभा पूल से हटकर आवास दिए जाते रहे हैं। कमल नाथ सरकार में भी इसी तरह आवास दिए थे। इसी आधार पर पूर्व मंत्रियों ने नए आवास मिलने की उम्मीद में मौजूदा आवास खाली नहीं किए हैं। उधर, गृह विभाग अब मोहलत देने के पक्ष में नहीं है क्योंकि मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है और नए मंत्रियों को आवास आवंटित होने हैं। वहीं, सामान्य प्रशासन विभाग ने मंत्रियों को आवंटित होने वाले कक्षों की साफ-सफाई करा ली है।
दरअसल, विभाग मिलने के बाद मंत्री मंत्रालय में कुछ दिन लगातार बैठक करेंगे इसलिए उनकी जरूरतों के अन्य इंतजाम भी किए जा रहे हैं। मंत्रियों को निज पदस्थापना में दिए जाने वाले स्टाफ की सूची भी तैयार की जा रही है। विभागीय अधिकारियों ने भी मंत्रियों के सामने विभाग की गतिविधियों को लेकर प्रस्तुतिकरण देने के लिए शुक्रवार को दिनभर तैयारी की। उधर, मंत्रियों के निवास पर दिनभर चहल–पहल रही। शुभकामनाएं देने वाले दिनभर आते-जाते रहे।