मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिरान कलियर विधानसभा की वर्चुअल रैली को संबोधित किया।जानिए

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिरान कलियर विधानसभा की वर्चुअल रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि रैलियों का यह डिजीटल स्वरूप पहली बार देखने को मिल रहा है। यह स्वरूप कभी-कभी सुविधा युक्त भी लगता होगा परंतु उन लोगों के लिए जो अभी तकनीकी से ज्यादा घुले मिले नहीं है उनके लिए तकलीफ दे भी होगा। लेकिन सच यह है कि यह एक बहुत ही सरल और कम खर्चीली तकनीक है जिसके द्वारा हम लोग दूर-दूर रहते हुए भी बहुत ही नजदीक से एक दूसरे को देख कर बातें कर सकते हैं बिना एक दूसरे को स्पर्श किए। यह वर्चुअल रैली विषम परिस्थितियों में हो रही है जब केवल हम नहीं हमारा प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया महामारी के संकट से गुजर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि का ही नतीजा है कि भारत डिजिटल इंडिया की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आज तकनीक के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच चंद मिनटों में ही हमारी बात पहुंच रही है। कोविड-19 के समय जब सारा विश्व त्राहि-त्राहि कर रहा है, विकसित देशों की विकसित स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, ऐसे में, लेकिन प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शी निर्णय से लाखों जीवन बचाए जा सके हैं। गरीबों के घर में बिजली, गैस का चूल्हा, बेघरों को घर जैसे काम हो रहे हैं। भारत सरकार ने 2024 तक हर घर को नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना प्रारम्भ की है। उत्तराखण्ड में इस पर मिशनरी मोड में काम कर रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में भी पेयजल की योजनाएं प्रारम्भ की हैं। नदियां, तालाब को पुनर्जीवित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीटी किट भारत में बनता ही नहीं था आज भारत निर्यात करने की स्थिति में है। हाइड्रोक्सीक्लोरो क्वीन जिसकी पूरी दुनिया में डिमांड है, दुनिया के देशों को आपूर्ति की जा रही है और यह प्रधानमंत्री जी का सफल नेतृत्व ही है कि हम इस महामारी को रोक पाने में हम काफी हद तक सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसान निधि, 10 करोड़ परिवारों को आयुष्मान योजना में 5 लाख रूपए वार्षिक की हेल्थ कवरेज, कृषि, शिक्षा, उद्योग सहित तमाम क्षेत्रों में भारत इन वर्षों में मजबूत हुआ है। देश की जनता के विश्वास को कायम रखा। कोविड-19 ने पूरे विश्व को अपने घेरे में लिया है। दुनिया के बड़े देश इससे बचे न रह सके। प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए 20 लाख करोड़ का पैकेज वरदान साबित हुआ है। कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में 2.40 लाख प्रवासी राज्य में वापस लौटे हैं, जबकि 90 हजार लोग प्रदेश से वापस अपने राज्यों में गये हैं। उन्होंने कहा कि हमारा यह भरसक प्रयास रहा है कि प्रत्येक उत्तराखण्ड वासी जो इस आपदा के समय अपने घर आना चाहता है इसे हम वापस लायेंगे, इसके लिये 20 से अधिक ट्रेनें चलायी गई। एक करोड़ रूपये  रेलवे को अग्रिम भुगतान किया गया। मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड-19 में कार्यकर्ताआंे ने बहुत काम किया। प्रवासियों की सहायता की। गरीबों को भोजन दिया, किसी को भूखा नहीं सोना दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि शारीरिक दूरी के दिशा निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन करते हुए आने वाली 16 जुलाई को प्रदेश भर में हरेला पर्व मनाया जाएगा जिसमें हर घर में कम से कम एक फल का पौधा लगाने का प्रयास किया जाना चाहिए।।

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