भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कमांडरों ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित देश के सभी विपक्षी दलों से राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता जैसे संवेदनशील मुद्दों पर संयम दिखाने की अपील की। साथ ही कहा कि चीन के साथ विवाद के समाधान को लेकर विपक्ष को सरकार के साथ होना चाहिये।
पूर्व सैन्य अधिकारियों ने राहुल गांधी के बयानों को लेकर गहरी चिंता जताते हुए एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि राष्ट्रीय हितों के खिलाफ कुछ भी बोलना अपराध होगा। साथ ही कहा कि राहुल गांधी के ट्वीट और बयान से लगता है कि उन्हें या तथ्यों की सही जानकारी नहीं है या फिर वह नेहरूजी की ऐतिहासिक भूलों की अनदेखी कर रहे हैं।
पूर्व सैन्य अफसरों ने अपने पत्र में कहा है कि क्या राहुल को नहीं पता है, कि नेहरूजी ने ही तिब्बत को चीन के हवाले किया था। साथ ही अक्साई चिन में भी चीन ने पहले सड़कें बनाईं, बाद में उस पर कब्जा किया। उस समय भी नेहरूजी पीएम थे।
सेना के जिन पूर्व अफसरों ने यह पत्र लिखा है, उनमें लेफ्टीनेंट जनरल जेबीएस यादव, लेफ्टीनेंट जनरल एचएस कंवर, लेफ्टीनेंट जनरल नितिन कोहनी, मेजर जनरल पी के मलिक, लेफ्टीनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी, लेफ्टीनेंट जनरल सुनीत कुमार और मेजर जनरल एम श्रीवास्तव आदि शामिल है।
प्रेट्र के अनुसार संयुक्त बयान में कहा गया है कि राहुल की बयानबाजी साफ तौर से देश के हितों के खिलाफ हैं। पूर्व में भी राहुल और अन्य कांग्रेस नेताओं ने सेना की ग्राउंड और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाकर देश का अहित किया है।
बयान में सीमाई क्षेत्रों में मौजूदा सरकार द्वारा आधारभूत ढांचा विकसित करने की सराहना करते हुए कहा कि 1962 से अब तक किसी और सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया था। यह ढांचा विकसित होने से सेना को सीमाओं की सुरक्षा करने में बहुत सहूलियत होगी। बयान में चीन के साथ सीमा विवाद के समाधान को लेकर चल रहे कूटनीतिक प्रयासों की भी सराहना की गई।
उल्लेखनीय है राहुल गांधी ने सीमा की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर सोमवार को तंज किया था।