कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते खतरे के बावजूद शहर में बेधड़क खुल रही गैरजरूरी दुकानों को लेकर पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया। डीआइजी अरुण मोहन जोशी खुद शहर के भ्रमण पर निकले। इस दौरान घंटाघर पर एक बेकरी की दुकान खुली होने और ग्राहकों के बीच शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए गोले न होने पर उनका पारा चढ़ गया। डीआइजी ने सीओ को फटकार लगाई और शहर कोतवाल से कहा कि दुकान से पैसे बांध रखे हैं क्या। बेकरी संचालक के खिलाफ कोतवाली में देर शाम लॉकडाउन उल्लंघन व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। वहीं, कुछ और स्थानों पर नियम विरुद्ध तरीके से दुकानें खोलने के मामले में पुलिस कार्रवाई की तैयारी में है।
दैनिक जागरण ने गुरुवार के अंक में लॉकडाउन में ढील की अवधि सुबह सात से दोपहर एक बजे तक गैरजरूरी दुकानों के खुलने और चेकिंग में शिथिलता बरते जाने की खबर फोटो के साथ प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया था कि लॉकडाउन उल्लंघन की यह स्थिति दून वासियों के लिए कितनी घातक हो सकती है। इसका डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने संज्ञान लिया और दोपहर में खुद लॉकडाउन के दौरान पुलिस की मुस्तैदी चेक करने निकल पड़े। शहर का भ्रमण करते हुए कप्तान घंटाघर पहुंचे तो यहां गेलार्ड बेकरी खुला मिली। साथ में मौजूद शहर कोतवाल एसएस नेगी से पूछा कि दुकान पर होम डिलीवरी व अन्य नियमों का बोर्ड कहां है। यह दुकान किसकी अनुमति से खुली है।
शहर कोतवाल के पास इसका कोई जवाब नहीं था। यही नहीं दुकान के बाहर ग्राहकों के शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए गोले भी नहीं बनाए गए थे। इस पर डीआइजी ने शहर कोतवाल को जमकर फटकार लगाई और यहां तक कहा कि दुकान से पैसे बांध रखे हैं क्या? डीआइजी यहीं नहीं रुके उन्होंने सीओ शेखर चंद सुयाल से सख्त लहजे में कहा कि लॉकडाउन का किसी कीमत पर उल्लंघन नहीं होना चाहिए। डीआइजी ने बेकरी के संचालक दिलदार सिंह निवासी पलटन बाजार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया, जिसके बाद उसके खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
ताबड़तोड़ चेकिंग का दिखा असर
घंटाघर पर डीआइजी के तेवर देखने के बाद पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। कांवली रोड, सहारनपुर चौक, प्रिंस चौक, कारगी चौक, चकराता रोड समेत शहर में लगे सभी बैरियर प्वाइंट पर चेकिंग तेज कर दी। इस दौरान बेवजह निकलने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई भी की। वहीं लोगों को पुलिस ने चेतावनी भी दी कि लॉकडाउन में यदि किसी सामग्री की आवश्यकता है तो निर्धारित समय के भीतर केवल एक व्यक्ति निकलकर खरीद सकता है। बिना कारण घर से निकलने पर पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसका असर भी देखने को मिला। दोपहर एक बजे के बाद सड़क पर केवल वही गाड़ियां और लोग चलते दिखे, जिनके पास पर अनुमति पत्र यानी पास था।
लॉकडाउन उल्लंघन में 18 लोग गिरफ्तार
गुरुवार को पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार करते हुए कुल 11 मुकदमे दर्ज किए। वहीं पुलिस एक्ट में 13 को गिरफ्तार किया गया। एमवी एक्ट में 211 चालान काटे गए और 56 वाहन सीज किए गए। वहीं, लॉकडाउन उल्लंघन में अब तक 146 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और 402 को गिरफ्तार किया जा चुका है। शांति भंग में 94 पर कार्रवाई की गई है। एमवी एक्ट में 3265 चालान किए जा चुके हैं और 1004 वाहन सीज किए जा चुके हैं।
कप्तान के कदम की लोगों ने की सराहना
कोरोना संक्रमण से यदि बचा सकता है तो वह है लॉकडाउन का गंभीरता से पालन। लेकिन, कई दिनों से लोग इसे हल्के में लेने लगे थे। ऐसा नहीं कि पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी, लेकिन इसके बाद भी लोग घरों से बाहर निकलने का बहाना ढूंढने में लगे रहे। मगर गुरुवार को जब डीआइजी सड़क पर उतरे और उन्हें सख्ती से लॉकडाउन का पालन कराने और उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की फरमान सुनाया तो इसकी सभी लोगों ने सराहना की। लोगों ने कहा कि देहरादून के लोगों को कोरोना के खतरे से बचाए रखने के लिए डीआइजी को इसी तरह सख्ती से पेश आना होगा।
शहर में गूंजता रहा पुलिस का सायरन
डीआइजी अरुण मोहन जोशी की सख्ती के बाद पुलिस लॉकडाउन में ढील की अवधि खत्म होने के बाद पूरे शहर में गश्त कर रही है। थानों की गाड़ियां सायरन बजाते हुए हर एक गली-मोहल्ले और कॉलोनियों में घूमीं। इस दौरान जो भी बाहर मिला, उसे समझा कर घर भेजा। साथ ही चेतावनी दी कि इसके बाद से वे सड़क पर दिखे तो सीधे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा। पटेलनगर पुलिस की टीम सीओ अनुज कुमार व इंस्पेक्टर सूर्य भूषण नेगी के साथ पांच गाड़ियों के काफिले से पटेलनगर, आइएसबीटी, शिमला बाईपास, निरंजनपुर मंडी समेत कई इलाकों का भ्रमण किया। वहीं अन्य थानों की फोर्स भी इसी तरह मोहल्लों व कॉलोनियों में देर रात तक घूमती रहीं।