पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ई-पत्र भेजकर विभिन्न प्रदेशों में काम छूटने से बेरोजगार हो गए प्रवासी उत्तराखंडियों की वापसी का बंदोबस्त करने की मांग की है।
पत्र में उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में कमाने, खाने के लिए जाने वाले उत्तराखंड के हजारों लोगों पर गंभीर संकट आ गया है। ये लोक राज्य को कुछ न कुछ भेजते थे। हमारी अर्थव्यवस्था इन पर टिकी थी। होटलों से लेकर बहुत सारे छोटे-छोटे कारखानों, छोटे उद्यमों में काम करने वाले लोगों का काम-धंधा अचानक छूट गया है। किसी तरीके से वे अपना पेट पाल रहे हैं। दूसरे राज्यों में रुके ऐसे लोगों को वापस उत्तराखंड लाने का प्रबंध करना चाहिए।
मुख्यमंत्री का रवैय्या दुर्भाग्यपूर्ण: धस्माना
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उनसे मुलाकात करने गए कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के साथ किये गए व्यहवार को लोकतंत्र पर कुठाराघात व अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बाकायदा समय ले कर मिलने मुख्यमंत्री आवास गए थे, जहां मुख्यमंत्री ने आठ सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल को छोटा कर दो या तीन लोगों से मुलाकात करने के लिए कहा जो सर्वथा अनुचित है।
उन्होंने कहा कि या तो समय देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय को ये स्पष्ट कर देना चाहिए था कि मुख्यमंत्री केवल दो तीन लोगों से ही मिलेंगे या जब विपक्ष के वरिष्ठ नेता गण तय समय पर पहुंच गए थे तो सीएम को शरीरिक दूरी के अनुसार बैठने की व्यवस्था कर प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के इतने बड़े मसलों पर कांग्रेस जो बात करने जा रही थी शायद उससे घबरा कर सीएम ने यह अविवेकपूर्ण कार्य किया।