देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने शिक्षा मंत्रालय के उस फैसले की निंदा की है जिसमें सभी विद्यालयों को यह निर्देश दिया गया है कि वह ट्यूशन फीस के अलावा सभी मदों की फीस को माफ कर देवें। दसौनी ने कहा की अगर विद्यार्थियों के पूरे फीस स्ट्रक्चर को देखा जाए तो उसका 80 फीसदी हिस्सा ट्यूशन फीस का होता है ऐसे में अभिभावकों को शिक्षा मंत्री द्वारा लिए गए इस फैसले से कोई राहत नहीं मिलेगी आज सभी वर्गों के सामने भारी आर्थिक संकट है। अभिभावकों के लगातार फीस माफी के दबाव के चलते शिक्षा मंत्री ने निर्णय तो लिया लेकिन यह मात्र एक झुनझुना दिखाई पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया की शिक्षा मंत्रालय के इस निर्णय से अभिभावक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। दसौनी ने कहा कि इस फैसले से ऐसा प्रतीत होता है के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे जी इस बात से भिज्ञ ही नहीं है की पूरी फीस में ट्यूशन फीस ही सबसे अधिक होती है।