उत्तराखंड में शनिवार को 12 कोरोना के नए मरीज मिले। इनमें 7 चंपावत और 4 देहरादून में भर्ती। सभी लोग प्रवसी हैं। अब राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 167 पहुंच गई हैं। इनमें 2 महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि 59 स्वस्थ हो चुके हैं। बता दें कि एम्स ऋषिकेश में भर्ती कैंसर पीड़ित बिजनौर निवासी महिला की शुक्रवार शाम मौत हो गई। महिला कोरोना संक्रमित थी। प्रदेश में कोरोना से हुई यह दूसरी मौत है। इससे पहले एक मई को एम्स में ही लालकुआं हल्द्वानी निवासी 56 वर्षीय एक महिला की मौत हुई थी। वह ब्रेन अटैक के चलते अस्पताल में भर्ती हुई थी और कोरोना जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव थी। शुक्रवार को प्रदेश में थैलेसीमिया पीड़ित सात वर्षीय बच्चे समेत कोरोना के सात और मामले आए हैं।
बिजनौर निवासी महिला का पिछले दो माह से एम्स में कैंसर का उपचार चल रहा था। एम्स के निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने महिला की मौत की पुष्टि की है। महिला 10 मार्च से 29 अप्रैल तक एम्स में भर्ती थी। निदेशक ने बताया कि महिला की कैंसर की सर्जरी की गई थी। उसके बाद वह घर चली गई थी। 9 मई को एक बार फिर जांच के लिए वह अस्पताल आई। फिर से परेशानी होने पर 19 मई को महिला को भर्ती किया गया था। उसी रोज महिला का सैंपल कोरोना जांच के लिए भेजा गया था। 20 मई को महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। और वह कोविड-19 वार्ड में भर्ती थी, जहां शुक्रवार को महिला की मौत हो गई।
पति की रिपोर्ट आई कोरोना पॉजिटिव
बैराज कॉलोनी ऋषिकेश निवासी जिस गर्भवती महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई उसके पति में भी कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। 35 वर्षीय यह व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ 13 मई को दिल्ली से लौटा था। 20 मई को स्वास्थ्य में दिक्कत होने के कारण वह अपनी पत्नी के साथ एम्स की ओपीडी में गए थे। वहां इनके लक्षण देखते हुए इन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कर लिया गया था। दोनों पति पत्नी का सैंपल लिया गया था। पत्नी की रिपोर्ट शुक्रवार की की दोपहर पॉजिटिव आई थी। देर रात महिला के पति की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को 1014 सैंपल की रिपोर्ट मिली है। जिनमें 1007 निगेटिव व सात केस पॉजिटिव हैं। जनपद देहरादून जनपद में कोरोना संक्रमित पाए गए तीनों मरीजों का उपचार एम्स ऋषिकेश में हो रहा है। इनमें ऋषिकेश के बैराज कॉलोनी निवासी 30 वर्षीय महिला गर्भवती है। वह अपने पति के साथ 13 मई को दिल्ली से लौटी है। तब से वह घर पर ही थी। 53 वर्षीय दूसरा व्यक्ति ऋषिकेश के ही सुमन बिहार बापू ग्राम क्षेत्र से है, जो 19 मई को मुंबई से वापस लौटा था। तबीयत खराब होने पर यह व्यक्ति एम्स की ओपीडी में गया था। वहां इनका सैंपल लेने के बाद क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इन दोनों को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया दिया गया है। वहीं एम्स ऋषिकेश में भर्ती हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र के सात वर्षीय थैलेसेमिया पीड़ित बच्चे की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वह अपनी मां के साथ इलाज के लिए कुछ दिन पहले अस्पताल पहुंचा था।
उधर, उधमसिंहनगर जिले के जसपुर में भी दो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें 47 वर्षीय एक शख्स मुंबई और 23 वर्षीय युवक हाल ही में दिल्ली से लौटा था। रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर दोनों को हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। जनपद हरिद्वार में लक्सर के मुंडाखेड़ा और दरगाहपुर में कोरोना संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं। कोरोना संक्रमित दोनों युवक महाराष्ट्र से वापस लौटे थे। दोनों को क्वारंटाइन किया गया था। इन दोनों गांव को सील किया जा रहा है। कुल मिलाकर प्रदेश में आए दिन कोरोना के नए मरीज मिल रहे हैं। विभिन्न राज्यों से प्रवासियों की वापसी होने के बाद यहां मरीजों की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। स्थिति यह कि पिछले चौदह दिन में प्रदेश में 90 मामले आ चुके हैं।
21 की रिपोर्ट निगेटिव, तीन का इंतजार
मसूरी के बूचड़खाना मोहल्ला निवासी कोरोना पॉजिटिव महिला व उसके परिवार के संपर्क में आए 24 में से 21 की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। बूचड़खाना निवासी महिला अपने दो बच्चों के साथ गत 12 मई को दिल्ली से लौटी थी। आशारोड़ी चेकपोस्ट पर महिला का सैंपल लिया गया था। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर गत 14 मई को प्रशासन ने महिला, उसके पति व बच्चों को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करा दिया था। महिला का बेटा भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया और पति व बेटी की रिपोर्ट निगेटिव आने पर दोनों को अस्पताल से छुट्टी देकर होम क्वारंटाइन किया गया था।
संक्रमित महिला व उसके परिवार के संपर्क में आए टैक्सी चालक समेत 24 लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन किया गया था। इन लोगों के भी सैंपल लिए गए थे। जिनमें शुक्रवार को 21 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई। वहीं, शुक्रवार को एसडीएम वरुण चौधरी बूचड़खाना मोहल्ला पहुंचे और बच्चों को मिष्ठान वितरित किया। उन्होंने कहा कि मोहल्ले में लगाए गए सभी प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। लेकिन लोगों को सतर्कता बरतते हुए शारीरिक दूरी का पालन करना होगा और मास्क लगाना होगा।
मंडी में मिले संक्रमित के आठ परिजन अस्पताल में भर्ती
कोरोना के जिला नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ. दिनेश चौहान ने बताया कि निरंजनपुर सब्जी मंडी के आढ़ती के मुनीम के बेटे को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने परिजनों, मंडी में आढ़ती एवं कर्मचारियों समेत श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के कर्मचारियों को चिह्नित किया। संक्रमित की पत्नी, बच्चों, पिता समेत परिवार के आठ लोगों को दून अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, चार किरायेदारों के परिवार, मंडी में संपर्क में आए लोग, अस्पताल के गार्ड और वार्ड ब्वॉय समेत 26 लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन कराया गया। उनकी सैंपलिंग कराकर निगरानी में रखा जाएगा।
जिले में सहरुग्ण लोगों की मैपिंग शुरू
जल्द अस्वस्थ होने वाले लोगों की निगरानी को उनकी मैपिंग का कार्य शुरू हो गया है। जिला प्रशासन ने आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सहरुग्ण अवस्था यानि जिन व्यक्तियों (गर्भवती महिला, मधुमेह रोगी, हृदय रोगी, या जिनका डायलिसिस चल रहा हो) की प्रतिरोधक क्षमता कम हो को चिह्नित किया जा रहा है। ऐसे लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है। आइएमए व विभिन्न चिकित्सालयों से ऐसे व्यक्तियों का डाटा प्राप्त किया जा रहा है।
हिम्मत रखिए, यह दौर भी गुजर जाएगा
उत्तराखंड के आंकड़े देखें तो कोरोना का संक्रमण भले ही चिंताजनक है, पर यह समय भयभीत होने का नहीं बल्कि सावधान रहने का है। ध्यान देने वाली बात यह है कि उत्तराखंड में कोरोना की मृत्यु दर महज 1.29 फीसद है। अभी तक भर्ती मरीजों में अधिकांश को आइसीयू या वेंटिलेटर की भी आवश्यकता तक नहीं पड़ी। अभी तक स्वस्थ हुए मरीज औसतन 17 दिन अस्पताल में भर्ती रहे, जबकि कैंसर पीड़ित एक बुजुर्ग ने मात्र पांच दिन में इस बीमारी को मात दे दी। यही नहीं एक नौ माह का बच्चा भी छह दिन में ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो गया।
प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को आया था। बीते 68 दिन में मरीजों का ग्राफ 155 पहुंच गया है। इनमें 61 मामले लॉकडाउन 3.0 से पहले और 94 इसके बाद के हैं। जाहिर है कि प्रवासियों की आमद बढ़ने के साथ ही कोरोना का ग्राफ भी बढ़ा है। लेकिन, एक बात और भी ध्यान देने वाली है। शुरुआती 50 दिनों का विश्लेषण करें तो आप पाएंगे कि उस दौरान सामने आए अधिकांश मरीज ठीक भी हो चुके हैं। जनपद देहरादून की बात करें तो लॉकडाउन 3.0 से पहले यहां 34 मरीज थे। जिनमें 30 यानि 88 फीसद ठीक हो चुके हैं।
इसी तरह हरिद्वार जनपद में शुरुआती 50 दिन में आए सभी सात मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। पौड़ी और अल्मोड़ा में भी उस दौरान एक-एक मरीज था और यह दोनों भी काफी कम समय में अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए। जनपद नैनीताल की स्थिति देखें तो वहां भी लॉकडाउन 3.0 से पहले के 10 मरीज अब स्वस्थ हैं। इसी तरह ऊधमसिंहनगर में तब आए आठ में से चार मरीज इस बीमारी को मात दे चुके हैं। अब लॉकडाउन 3.0 के बाद आए मरीजों की बात।
इनमें भी ऊधमसिंहनगर में चार और अल्मोड़ा व उत्तरकाशी में एक-एक मरीज इस बीमारी से जंग जीत चुके हैं। ऐसे में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता जरूर बढ़ा रही है, पर एक सुखद पहलू यह भी है कि मरीज लगातार ठीक हो रहे हैं। वह भी किसी गंभीर स्थिति का सामना किए बगैर। ऐसे में हिम्मत रखिए, यह दौर भी गुजर जाएगा। बस खुद को और अपने परिवार को सुरिक्षत रखिए। स्वच्छता, शारीरिक दूरी आदि का गंभीरता से पालन कीजिए।