कांवड़ मेला स्थगित होने के चलते कांवड़ यात्रियों के चलते उत्तराखंड में हरिद्वार जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं। इसे देखते हुए बॉर्डर पर दस चेक पोस्ट बनाते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। प्रदेश के लोगों को उनकी आइडी देखकर जिले की सीमा में प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही कारोबार, इलाज आदि के लिए उत्तराखंड आने वाले गैर राज्यों के यात्रियों को प्रूफ दिखाना होगा। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पूरे जनपद को दस जोन और 21 सेक्टर में बांटा गया है।
सावन के पवित्र महीने में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान जैसे राज्यों से हर साल करोड़ों शिवभक्त गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचते हैं। हरकी पैड़ी से गंगा जल भरकर कांवड़ यात्री पैदल और वाहनों से अपने गंतव्यों को रवाना होते हैं। प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 3.30 करोड़ कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचे थे। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण काल के मद्देनजर कांवड़ मेला स्थगित कर दिया गया है। उत्तराखंड सहित उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली आदि राज्यों ने भी इस पर सहमति जताई है। बहरहाल, सोमवार से श्रवण मास शुरू हो रहा है। इसलिए इससे पहले रविवार रात 12 बजे से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश से मिलने वाली हरिद्वार जनपद की सीमाओं को कांवड़ यात्रियों के लिए सील कर दिया गया।
सीमाओं पर अतिरिक्त पुलिस बल के तौर पर पीएसी के जवान भी तैनात किए हैं। सावन माह की सभी व्यवस्थाओं के लिए एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने सीमाओं के सभी 10 चेकपोस्ट पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए जरूरी निर्देश दिए। एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने बताया कि जनपद की सीमाओं पर दूसरे राज्यों से आने वाले कांवड़ यात्रियों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। उत्तराखंड के निवासी अपना पहचान पत्र दिखाकर सीमा से प्रवेश कर सकते हैं। दूसरे राज्यों के ऐसे लोग, जिन्हें इलाज, कारोबार, शादी या अन्य कार्य से हरिद्वार आना है, वह पर्याप्त दस्तावेज दिखाकर ही बॉर्डर पार कर सकते हैं।
बॉर्डर पर यहां बनाए गए हैं चेकपोस्ट
कांवड़ यात्रियों को रोकने के लिए मंगलौर में नारसन, खानपुर में पुरकाजी, झबरेड़ा में लखनौता, भगवानपुर में तेज्जुपुर, मंडावर व काली नदी, बुग्गावाला में तेलपुरा, खानपुर में बालावाली, हरिद्वार शहर में सप्तऋषि और नजीबाबाद हाईवे पर श्यामपुर के चिड़ियापुर में चेकपोस्ट बनाया गया है। इन सभी प्वाइंटों पर यह चेक किया जाएगा कि हरिद्वार जाने वाला कौन व्यक्ति कांवड़ यात्री है अथवा नहीं है। इलाज के लिए आने वाले लोग अस्पताल के कागज, नौकरी या कारोबारी के लिए आने वाले लोग अपने विभाग का आइकार्ड या कारोबार से संबंधित जीएसटी आदि दस्तावेज दिखा सकते हैं। शादी समारोह में आने वाले लोगों को स्थानीय मेजबान की सहमति दिलानी होगी। पूरी तस्दीक करने के बाद ही बॉर्डर पार करने दिया जाएगा।
हरकी पैड़ी की किलेबंदी, चप्पे-चप्पे पर पुलिस
सावन के महीने में जिले की सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने के साथ-साथ हरकी पैड़ी की किलेबंदी भी की गई है। पैड़ी क्षेत्र के चारों तरफ बैरिकेटिंग करते हुए पुलिस बल तैनात किया गया है। गंगा घाटों पर केवल स्थानीय श्रद्धालु ही जा सकेंगे। हालांकि स्थानीय श्रद्धालुओं को भी भीड़ करने की अनुमति नहीं है।
लालढांग में तैनात रहेगी एक कंपनी पीएसी
सावन माह के दौरान लालढांग क्षेत्र में पीएसी की एक कंपनी को तैनात किया गया है। यह क्षेत्र पौड़ी जिले की सीमा से लगा होने के कारण पुलिस ने यह फैसला लिया है। लालढांग चौकी इंचार्ज लक्ष्मण दत्त जोशी ने बताया कि लालढांग हरिद्वार जिले का अंतिम छोर है, जो पौड़ी गढ़वाल से लगा होने के साथ ही यहां जंगल के बीच से कई रास्ते हरिद्वार जाते हैं, जिसको देखते हुए एक कंपनी पीएसी को तैनात किया गया है। एसओ श्यामपुर दीपक कठैत ने बताया कि चिड़ियापुर चेकपोस्ट पर उत्तर प्रदेश से आने वाले वाहनों और पैदल लोगों से पूछताछ के बाद ही उन्हें आगे जाने दिया जाएगा।