शिक्षा का हाइब्रिड मॉडल: समय के साथ विकास – जे सी चैधरी
देहरादून-कोरोना वायरस महामारी ने जिस तरह से रोजमर्रे के जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित किया है उसी तरह से इसने शिक्षा के क्षेत्र को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। कोविड-19 के कारण शिक्षा क्षेत्र को अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि स्कूल और विश्वविद्यालय चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रहे हैं। शिक्षा के कई संस्थान बंद हैं, कुछ दूर से काम कर रहे हैं, और कुछ ने महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को अपनाने का फैसला किया है। यह बदलाव शिक्षण और सीखने की वर्तमान कार्यप्रणाली के पुनर्गठन का एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है। इसका उपयोग वर्तमान स्थिति में शिक्षण से संबंधित साधनों को उन्नत करने के लिए रचनात्मक रूप से किया जा सकता है।
ऑनलाइन लर्निंग: एक नया समीकरण
लॉकडाउन की घोषणा के दिन से ही देश भर के छात्र ऑनलाइन कक्षाओं में हिस्सा ले रहे हैं। वास्तव में, मेडिकल स्ट्रीम के साथ-साथ इंजीनियरिंग स्ट्रीम के लगभग एक लाख 25 हजार छात्र पूरी संतुष्टि के साथ नियमित रूप से ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो रहे हैं और सीख रहे हैं। स्कूलों और कॉलेजों ने भी ऑनलाइन शिक्षा की तरफ रूख किया है।
कोविड-19 के कारण प्रभावित शिक्षा में आवश्यक निरंतरता बनाए रखने के लिए क्लास संरचना का एक ऑनलाइन हाइब्रिड मॉडल बनाना हमारी सबसे बडी प्राथमिकता का विषय रहा है। हमने हमेशा अपने छात्रों को एक आकर्षक और समग्र शिक्षण अनुभव प्रदान करने की दिशा में काम किया है।
वर्चुअल क्लासरूम: क्या उम्मीद करें
हमारे अत्यधिक जानकार और अनुभवी शिक्षक ऑनलाइन कक्षाएं लेते हैं और किसी तरह के समझौते के बगैर बिना रुकावट के शिक्षण को सुनिश्चित करते हैं। इस प्रकार के शिक्षण का यह अनुभव क्लासरूम शिक्षण मॉडल के बराबर का ही है बल्कि उससे कहीं अधिक बेहतर है।
हाइब्रिड मॉडल या शिक्षण का ऑनलाइन मोड कक्षाओं की सामग्री, कार्यप्रणाली और पढाने के तरीके की निरंतर निगरानी और प्रत्येक छात्र पर ध्यान देने में सक्षम बनाता है। माता-पिता द्वारा तुरंत प्रदान किए गए शिक्षा की गुणवत्ता का आकलन किया जा सकता है। यह एक ऐसा परिदृश्य है जो पढाई की पारंपरिक कक्षाओं के दौरान कभी भी संभव नहीं हो सकता था। इसके अलावा, हाइब्रिड मॉडल छात्रों पर करीब से निगरानी करने में सक्षम बनाता है, और इससे उपस्थिति में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है जो सोने पर सुहागा है। हाइब्रिड मॉडल या ऑनलाइन कक्षाएं छात्रों के साथ सहभागिता और भागीदारी के लिए अधिक लचीलापन और अधिक गुंजाइश प्रदान करती हैं। इस मॉडल में परम्परागत भौतिक कक्षाओं की तरह छात्रों के ध्यान भटकने की कोई गुंजाइश नहीं होती और इस कारण इससे छात्रों को अपनी पढाई पर अधिक ध्यान केन्द्रित करने की प्रेरणा मिलती है।
ऑनलाइन शिक्षण में छात्रों के कीमती समय, पैसा और ऊर्जा की बचत होती है जो कि क्लासरूम मॉडल में लंबी दूरी की यात्रा पर खर्च होता था और अक्सर काफी छात्रों पर यह लागू होता था। इससे छात्र की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है जो अब अपने घर में सुविधा के साथ उच्च-गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम हो रहे हैं।
हाइब्रिड मॉडल उन शिक्षकों पर भी निगरानी रखता है जो पहले क्लासरूम शिक्षण के दौरान गैर शिक्षण गतिविधियों में लिप्त रहते थे या उन गतिविधियों को प्रोत्साहित करते थे। स्कूलों में, अक्सर ऐसा होता है कि शिक्षक आराम से कुर्सी पर बैठकर पढ़ाने की प्रवृत्ति रखते हैं, बस पाठ्यपुस्तक से पढ़ते हैं या छात्रों को बहुत स्पष्टीकरण दिए बिना पाठ्यक्रम सामग्री को रेखांकित करते हैं और इससे शिक्षण के बुनियादी उद्देश्य की अनदेखी होती है। शिक्षा की ऑनलाइन प्रणाली की पारदर्शिता के कारण छात्र और शिक्षक दोनों अत्यधिक केंद्रित रहने के लिए मजबूर होते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा के उपकरण
जहाँ तक ऑनलाइन शिक्षा का सवाल है, इसके लिए इंटरएक्टिविटी अथवा अन्तरक्रियाशीलता मुख्य शब्द है। शिक्षण की ऑनलाइन मोड में धारणाओं का ऑडियो-विजुअल स्पष्टीकरण, हल किए गए उदाहरण, इंटरैक्टिव सिमुलेशन, अभ्यास के लिए प्रश्न, अनुकूलित आकलन जैसे सभी शिक्षण उपकरण शामिल होते हैं जो सभी छात्रों के लिए बहुत उपयोगी हैं।
ऑनलाइन शिक्षण इसमें शामिल होने वाले छात्रों के लिए चर्चा के मंच के रूप में सवाल पूछने के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण अवधारणाओं पर विचारदृविमर्श करने की दोगुनी गुंजाइश प्रदान करता है। वर्चुअल क्लासरूम में आयोजित प्री-टेस्ट की संख्या भौतिक कक्षाओं की तुलना में काफी अधिक होती है क्योंकि भौतिक क्लासरूम शिक्षण में समय एवं मूल्यांकन संबंधी कई बाधाएं होती हैं। वर्चुअल क्लासेस ऑन-द-स्पॉट मूल्यांकन और त्वरित मूल्यांकन प्रदान करते हैं, जिससे समय की बचत होती है और छात्रों को यह जानने का अवसर मिलता है कि वे पाठ्यक्रम के लिहाज से अपने को कहाँ पाते हैं। पूर्व-रिकॉर्ड किए गए व्याख्यानों के अलावा संदेह सत्र (डाउट सेशन) और अवधारणा-मजबूत करने वाली कक्षाएं भी ऑनलाइन शिक्षण का एक अभिन्न अंग हैं।
छात्रों के प्रदर्शन और सीखने के कौशल को ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से ट्रैक किया जा सकता है क्योंकि प्रत्येक छात्र की प्रगति की रिपोर्ट व्यक्तिगत रूप से संग्रहीत और डिजिटल रूप से ट्रैक और अपडेट की जाती है। छात्र के प्रदर्शन की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट न केवल छात्रों को बल्कि माता-पिता को भी यह जानने में मदद करती है कि उनके बच्चे किस दिशा में हैं।
समस्या निवारण संबंधी मामले
ऐसे देश में जहां 75% नागरिकों के पास अभी भी इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वहां सभी छात्रों तक पहुंचना चुनौती पूर्ण है। इसे वर्चुअल क्लासरूम में वी-सैट आधारित टेली-शिक्षा के उपयोग द्वारा सक्षम बनाया जा सकता है जिसकी मदद से डिस्टेंस लर्निंग वीडियो टेलीकांफ्रेंसिंग को आयोजित किया जा सकता है जहां प्रतिभागी एक-दूसरे को इंटरनेट के उपयोग के बिना देख सकते हैं।
इसके अलावा, इंटरनेट की मदद से अनुभवी फैकल्टी द्वारा ऑनलाइन इंटरएक्टिव कक्षाएं, आकाश आई-ट्यूटर में वीडियो व्याख्यान होते हैं, जिसके तहत छात्र आवश्यकतानुसार कई बार वीडियो चला सकते हैं और अपनी गति से सीख सकते हैं।
हालांकि आकाश हाइब्रिड छात्रों को ऑनलाइन कक्षाएं प्रदान करता है, फिर भी छात्र कोविड महामारी के काबू में आने के बाद अपने संदेह के स्पष्टीकरण के लिए आकाश सेंटर आ सकते हैं और सेंटर के कार्यक्रम के अनुसार चर्चाओं में भाग ले सकते हैं। इससे उन्हें शिक्षकों के संपर्क में आने से मदद मिलेगी और वे शिक्षक उन्हें प्रेरित कर सकते हैं और किसी भी संदेह को दूर कर सकते हैं। भविष्य में, मुश्किल और महत्वपूर्ण विषयों के लिए ऑफलाइन कक्षाओं के लिए भी जगह होगी।
शुल्क को लेकर महत्वपूर्ण बहस
कुछ लोग ऑनलाइन कक्षाओं को सस्ती या मुफ्त शिक्षा पाने के साधन के रूप में देखते हैं। हालांकि कक्षाएं ऑनलाइन होती हैं, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ऑनलाइन शिक्षण के लिए अनुभवी संकाय पर काफी खर्च होता है। संस्थान सूचना प्रौद्योगिकी पर बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं जो कंपनी के लिए एक बड़ी लागत है। इन सभी खर्चों के साथ-साथ कई अन्य छिपी हुई लागतों का भुगतान केवल तभी किया जा सकता है जब छात्र अपने बकाये का भुगतान करते हैं।
कई लोग व्यक्तिगत संवाद एवं संपर्क में कमी को लेकर ऑनलाइन शिक्षण को अपर्याप्त मानते हैं। इसमें थोड़ी अड़चन हो सकती है, लेकिन छात्रों को सामान्य कक्षा की तरह ही, अपने शिक्षकों से करीब से और व्यक्तिगत तौर पर ऑनलाइन मुलाकात के माध्यम से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। इसके अलावा, ऐसे कठिन समय के दौरान, हर किसी के लिए घर पर रहना और ऑनलाइन सीखना सबसे सुरक्षित तरीका है।
एईएसएल में हम आकाश आई-ट्यूटर को मुफ्त एक्सेस के अलावा हाइब्रिड मॉडल प्रदान कर रहे हैं, जिससे छात्रों को ऑनलाइन सीखने के सभी साधनों के जरिए कामयाबी पाने में मदद मिलती है। ऑनलाइन शिक्षा तेजी से महामारी से प्रभावित इस दुनिया का नया तरीका बन गई है, और बदलते समय के साथ तालमेल बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
(लेखक आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं।)
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