29/8/2020 ( प्रयास उत्तराखंड) दिगंबर जैन समाज द्वारा पर्यूषण पर्व के अवसर पर सातवां दिन उत्तम तप के रूप में मनाया गया जिसमें सभी मंदिरों में नित्य प्रति दिन की तरह सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पूजा प्रक्षाल किया गया।इस दौरान उत्तम तप धर्म के मर्म को आत्मसात करते हुए शहर में प्रिंस चौक स्थित दिगंबर जैन मंदिर रोचीपुरा माजरा डिस्पेंसरी रोड स्थित जैन मंदिरों में पुजारियों ने श्रीजी का अभिषेक और अष्ट द्रव्य से (जल चंदन अक्षत पुष्प धूप दीप धूप फल) से पूजन किया। प्रिंस चौक स्थित जैन मंदिर में श्री अभिनव जैन एवं सुधीर जैन (लोहे वाले) जी ने शांति धारा एवं प्रथम कलश राजीव जैन रायपुर वालों ने लिया।इस अवसर पर तप धर्म के बारे में जैन मिलन के राष्ट्रीय महामंत्री श्री नरेश चंद जैन जीने बताया कि *उत्तम तप धर्म* करो तपस्या, मिटे समस्या ।तप कठिन नहीं है, यदि मन स्वीकार कर ले तो ।उत्तम तप लोहे को जब तक तपाते रहोगे, उस पर जंग नहीं लगेगी तप क्यों ?कर्मों को जलाने के लिये ।पुण्य बंध के लिये ।पापों से बचने के लिये ।समाधिमरण में सहायक होता है ।मोक्ष प्राप्ति के लिये । इस अवसर पर इस अवसर पर जैन भवन मंत्री श्री संदीप जैन ने कहा कि तप का मतलब सिर्फ उपवास भोजन नहीं है बल्कि तप का असली मतलब है इन सब क्रिया के साथ अपनी इच्छाओं और ख्वाहिशों को वश में रखना ऐसा तब अच्छे गुणवान कर्मों में वृद्धि करते हैं ।साधना इच्छाओं की वृद्धि ना करने का एकमात्र मार्ग है ऐसी साधना पहले तीर्थंकर भगवान आदिनाथ ऋषभदेव ने करीब 6 महीने तक बिना खानपान के की थी और परम आनंद मोक्ष को प्राप्त किया था ।इस अवसर पर *केंद्रीय महिला संयोजिका श्रीमती मधु जैन ने ने कहा कि पर्युषण पर्व का सातवां उत्तम तप”धर्म हमको यही कहता है कि तपस्या से कटे कर्म अति भारी,तप के आगे नतमस्तक दुनिया सारी*l* इसी क्रम में संध्या कालीन आरती जिनवाणी जागृति मंच द्वारा 48 दीपों के साथ की गई इस अवसर पर बालेश जैन सौरभ जैन अर्जुन जैन आशीष जैन प्रीति जैन रीता जैन ज्योति जैन सुदेश जैन प्राची जैन मोनिका जैन आशीष जैन अमित जैन अजीत जैन आदि लोग उपस्थित रहे।
मधु जैन