लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार भारत में कोविड-19 के चलते मीडिया और मनोरंजन उद्योग को काफी भारी नुकसान हुआ है। एक ताजा रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इस वैश्विक महामारी से इन उद्योगों के राजस्व में 16 फीसद की गिरावट आई है।
लोकसभा में एक लिखित जवाब में शुक्रवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग और टेलीविजन इंडस्ट्री के लिए फिलहाल किसी पैकेज की घोषणा नहीं की गई है। लेकिन इनके लिए एमएसएमई सेक्टर में कर्ज योजनाओं के पुनर्गठन और विशेष राहत पैकेज की घोषणा करने से इस क्षेत्र को भी फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते देश में मीडिया और मनोरंजन उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार इस महामारी के कारण मीडिया और मनोरंजन उद्योग के राजस्व में 16 फीसद की कमी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए सरकार ने मीडिया प्रोडक्शन हाउसों के कामकाज के लिए सैद्धांतिक दिशा-निर्देश और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) भी जारी किया है।
एक अन्य सवाल में पूछा गया कि अदालतों में विचाराधीन मामलों पर ‘मीडिया ट्रायल’ को कैसे रोका जाए, इसके जवाब में जावडेकर ने कहा कि प्राइवेट सैटेलाइट टीवी को केबिल टेलीविजन नेटवर्क्स (रेग्युलेशन) एक्ट, 1995 के तहत दिए नियमों से बांधा गया है। अगर किसी कार्यक्रम या विज्ञापन में इन नियमों का उल्लंघन होता है तो उस निजी चैनल पर सलाह, चेतावनी या माफी का स्क्रोल चलाया जाता है।
उन्होंने आगे बताया कि यदि मामला अधिक गंभीर हुआ तो उस चैनल को एक निश्चित अवधि तक ऑफ एयर जाने यानी प्रसारण बंद करने का निर्देश दिया जाता है। पिछले दस सालों में निजी सैटेलाइट चैनलों को रोकने के लिए कुल 35 मामले हुए हैं। रोकने की अवधि एक दिन से 30 दिन तक की हो सकती है।