देहरादून-मसूरी-( वीएस चौहान ) शायद मालूम होगा कि सबसे ज्यादा डरावनी जगह में से एक उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मसूरी में लंबी धार माइन्स इलाक़े की डरावनी पुरानी बिल्डिंग भी है।
वहां पर उस जगह पर जाने के लिए देहरादून से मसूरी जाते हुए हाथी पांव नाम की जगह की तरफ जाते हैं। यहां रास्ते में खूबसूरत पहाड़ और घाटियां देखने को मिलते हैं।यहां पर गर्मियों में भी मौसम बेहद सुहावना होता है। उस डरावनी जगह पर पहुंचने से पहले सुहावना मौसम और खूबसूरत वादियां साथ में सिर उठाए ऊंचे ऊंचे हरे भरे पहाड़ देखने को मिलते हैं।
ऐसे में हर एक आने वाले का मन प्रफुल्लित हो उठता है। जाते वक्त रास्ते में सड़क के किनारे गहरी गहरी खाई देखकर एडवेंचर का मजा भी आता है। इसके बाद आप बाशा घाट गांव के नजदीक पहुंचते हैं।इस गांव से आगे निकलते ही लंबी धार माइन्स के पहाड़ दिखाई देने लगते हैं। एक जमाने में लंबी देहर माइन्स के क्षेत्र में चूने का पत्थर निकाला जाता था।पहाड़ के अंदर लंबी लंबी सुरंग खोद दी जाती थी।
चूना पत्थर निकालने के काम में हजारों मजदूर काम करते थे। उसी नजदीकी क्षेत्र में इस कार्य को कराने वाली कंपनी का प्रशासनिक भवन होता था। और मजदूरों के लिए एक बिल्डिंग बनाई गई थी।आज वही पुरानी बिल्डिंग मसूरी की सबसे ज्यादा डरावनी बिल्डिंग के नाम से जानी जाती है। या दूसरे शब्दों में यह कहें वह क्षेत्र डरावना क्षेत्र कहलाता है।
लंबी धार माइंस के क्षेत्र और बिल्डिंग के बारे में यहां के लोगों से बहुत सारी कहानियां सुनने को मिलती है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के अनुसार माइंस में काम करने वाले 50,000 मजदूरों की मौत हो गई थी। उसके बाद से माइंस से पत्थर निकालने का काम बंद हो गया था। और इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों की उस बेवक्त मौत के कारण आज भी उन मजदूरों की आत्माएं उस बिल्डिंग में भटकती है।
इतनी मौत का सही सही कारण तो मालूम नहीं है। कुछ लोगों का कहना है कि माइन्स में पत्थर निकालते वक्त कभी-कभी जहरीली गैस से भी निकलती थी। इतनी मौत का एक कारण जहरीली गैस भी हो सकता है ।दूसरे कारण में यह भी हो सकता है कि माइंस में पत्थर निकालते वक्त जो डस्ट उड़ती थी वह मजदूरों की सांसो में अंदर जाती थी।और धीरे-धीरे वह डस्ट उनके फेफड़ों पर जम गई जिसके कारण एक साथ इतनी बड़ी संख्या में मौत हुई।कुछ लोग यह मानते हैं कि अचानक आग लगने से बड़ी संख्या में जलकर मजदूरों की मरने की बात करते हैं।
यहां रहने वाले लोकल लोगों में एक दूसरी कहानी और भी प्रचलित है उनका कहना है कि एक जमाने में शादीशुदा एक महिला किसी दूसरे व्यक्ति से प्यार करने लगी थी। और एक दिन उसकी यह कहानी उसके पति को पता चल गई ।अपने पति के डर से उस महिला ने ऊंचाई से कूदकर अपनी जान दे दी। कहते हैं कि उसी इलाके में आज भी उस महिला की आत्मा भटकती है। और वह रात के वक्त लोगों से लिफ्ट मांगती है। उस इलाके में कई दफा की कार और बाइक अक्सर पंचर हो जाती है।
यह तो रही किस्से कहानियों की बात लेकिन वह इलाका खूबसूरत वादियों और ऊंचे ऊंचे पहाड़ और सुहावने मौसम के कारण सभी आने वाले लोगों को आकर्षित करता है। आजकल तो एडवेंचर के शौकीन युवा युवतियों के लिए दिन में वह बिल्डिंग घूमने की जगह बनी हुई है। दिन में बहुत सारे युवक युवतियां वहां पर उस बिल्डिंग में घूमने आते हैं।और वहां पर पिकनिक मनाते हैं।उसी क्षेत्र में खाने पीने के लिए छोटे-छोटे रेस्टोरेंट्स भी है।
वहां पर उस बिल्डिंग में आने वाले लड़के लड़कियां उन पुरानी जर्जर दीवारों पर एक दूसरे का नाम लिख कर चले जाते हैं। कुछ लोग वहां पर आकर कलाकृतियां बना कर चले जाते हैं। आजकल यह क्षेत्र यह डरावनी बिल्डिंग दिन के वक्त पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। कुछ लोग एडवेंचर के लिए अपने साजो सामान के साथ कैंप लगाकर रात को यहां रुकते भी हैं।