मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी प्रदेशवासियों से कोरोना के लक्षण नजर आने पर तुरंत जांच कराने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अभी तक कोरोना से हुई मृत्यु के मामलों में जो ट्रेंड देखने में आया है, उसमें सबसे अधिक मृत्यु दर उनकी है, जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर व अन्य बीमारियों से ग्रसित थे।
सोशल मीडिया में एक संदेश जारी कर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से हुई मृत्यु के मामले का विश्लेषण किया गया। इसमें यह बात सामने आई कि जिनकी मौत हुई है, उनमें 50 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे लोग, जो पहले से ही विभिन्न बीमारियों से ग्रसित थे और वृद्ध शामिल हैं। इनमें कई ऐसे थे जिन्होंने न तो पहले कोरोना न टेस्ट कराया और न ही चिकित्सालय में भर्ती हुए। गर्भवती महिलाओं ने लक्षण के बावजूद इलाज नहीं कराया। कई बिना लक्षण वाले ऐसे लोग थे जिन्होंने दवा लेने में लापरवाही बरती। इसे देखते हुए सभी को उपचार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। लक्षण हों तो चिकित्सालय में तुरंत जांच कराएं। हर प्रदेशवासी की जान मूल्यवान है। यह ध्यान देना होगा कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। सभी इसमें सरकार का सहयोग करें। मास्क का उपयोग करें, शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें, बार-बार हाथ धोएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
हर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट
प्रदेश के हर जिला और उप जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। इसके अलावा 16 स्थानों पर पाइपलाइन भी स्वीकृत की गई हैं। इनमें से पांच की डीपीआर तैयार हो गई है। प्रदेश में कोरोना के कारण उपजे हालात से निपटने को स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। कोरोना के गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता है। अभी स्वास्थ्य महकमा निजी क्षेत्र से भी ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है। अब स्वास्थ्य महकमा हर जिले में खुद के ऑक्सीजन प्लांट लगाएगा। मकसद यह कि इससे ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति होती रहे। वैसे तो स्वास्थ्य विभाग की यह योजना काफी समय से चल रही थी।