दून में गुरुवार रात वायु सेना के विमानों की गर्जना सुनाई दी। एकाएक तेज गड़गड़ाहट से आसमान गूंज उठा। दूनवासियों के लिए यह अपनी तरह का पहला अनुभव था और इसे लेकर तमाम तरह की अटकलें लगती रहीं। बहरहाल, इसे वायुसेना की नाइट एक्सरसाइज़ बताया जा रहा है।
आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव के बाद उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में सेना पूरी तरह मुस्तैद है। भारत-चीन के बीच उत्तराखंड में 345 किमी लंबी सीमा है। पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी के सीमावर्ती क्षेत्र चीन बॉर्डर से सटे हैं। चीन संग जारी तनाव के बीच उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी कड़ी कर दी गई है। सेना और आइटीबीपी के साथ-साथ वायुसेना भी अलर्ट पर है।
हाल ही में चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर भी सैन्य गतिविधि बढ़ गई है। सुरक्षा की तैयारियों के बीच वायु सेना उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड मजबूत करने जा रही है। सेंट्रल एयर कमांड के एयर मार्शल राजेश कुमार ने कुछ दिन पहले ही इस संदर्भ में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की थी। वायु सेना ने उत्तराखंड सरकार से एयरस्टिप और रडार लगाने के लिए जमीन मांगी है।
इस बीच गुरुवार रात के घटनाक्रम को वायु सेना की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। जिस तरह की हिमाकत ड्रैगन कर रहा है, माना जा रहा है कि उत्तरी हिस्से के साथ-साथ, वह भारत को पूर्वी हिस्से में भी घेर सकता है। इससे निपटने के लिए सेना, वायुसेना अलर्ट पर है।