ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कोरेाना महामारी के बीच आर्थिक सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए पड़ोसी देश द्वारा आतंकवाद की मदद, कोरोना वैक्सीन और आत्मनिर्भर भारत जैसे मुद्दों की चर्चा की। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर पीएम मोदी ने “वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और बदलाव परक विकास” विषय पर वर्चुअल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। अपने भाषण में आतंकवाद को दुनिया के सामने बड़ी समस्या बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवादियों को सहायता और मददगार देशों को दोषी ठहराया जाए। पीएम मोदी ने अपने भाषण में पाक का नाम सीधे तौर पर तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा पड़ोसी देश की तरफ ही था। पीएम ने अपनी तरफ से आतंकवाद के खिलाफ ब्रिक्स देशों की एक संयुक्त कार्ययोजना बनाने के लिए सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की एक समिति भी गठित करने का प्रस्ताव किया है। पीएम मोदी ने कहा कि, ‘इस समस्या का संगठित तौर पर समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने ब्रिक्स के मौजूदा अध्यक्ष रूस की अगुवाई में आतंकवाद के खिलाफ एक समग्र रणनीति को अंतिम रूप देने का स्वागत किया और कहा कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान इस कार्य को आगे बढ़ाएगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान से भारत में रिफॉर्म प्रक्रिया शुरू
प्रधानमंत्री ने कहा, हमने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत एक व्यापक रिफार्म प्रक्रिया को शुरू किया है। यह अभियान इस विश्वास पर आधारित है कि एक आत्मनिर्भर और लचीले भारत में कोरोना वायरस के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए कई गुना शक्तिदायक हो सकता है और वैश्विक वैश्विक चेन में एक मजबूत योगदान दे सकता है।
भारत ने 150 देशों में दवाइयां भेजीं
पीएम मोदी ने कहा, इसका उदहारण हमने कोविड के दौरान भी देखा, जब भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता के कारण हम 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयां भेज पाए। हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलीवरी क्षमता भी इस तरह मानवता के हित में काम आएगी।
ब्रिक्स देशों के बीच आतंरिक सहयोग हो मजबूत
उन्होंने कहा, 2021 में ब्रिक्स देशों के 15 वर्ष पूरे होंगे। पिछले सालों में हमारे बीच लिए गए विभिन्न निर्णयों का मूल्यांकन करने के लिए हमारे शेरपा एक रिपोर्ट बना सकते हैं। 2021 में अपनी अध्यक्षता के दौरान हम ब्रिक्स के तीनों स्तंभों में आतंरिक सहयोग को मजबूत करने का प्रयत्न करेंगे।
UNSC, IMF और WTO जैसे संगठनों में सुधार की जरूरत
पीएम नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) जैसे वैश्विक संगठनों के मौजूदा ढांचे पर सवाल उठाया। इस मौके पर उन्होंने यहां तक कहा कि ये दुनिया में हो रहे बदलावों के मुताबिक अपनी भूमिका नहीं निभा पा रहे हैं। इनके काम करने के तरीके को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ये संगठन अब भी 75 वर्ष पुरानी मानसिकता पर काम रहे हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव को सबसे जरूरी बताया।