श्री चैतन्य गड़ीय मठ द्वारा प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष श्री प्रीतम ंिसह जी को श्रीमद् भागवत गीता भेंट की। पढ़ें खबर

प्रयास उतराखडं 25 दिसंबर 2020 देहरादून      कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में गीता जयंती के उपलक्ष में डीएल रोड़ श्री चैतन्य गड़ीय मठ द्वारा प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष श्री प्रीतम ंिसह जी को श्रीमद् भागवत गीता भेंट की। इस अवसर पर श्री प्रीतम सिंह नें कहा भगवत गीता का हिन्दू समाज में सबसे उपर स्थान माना जाता हैं, इसे सबसे पवित्र ग्रन्थ माना जाता हैं. भगवत गीता स्वयं श्री कृष्ण ने अर्जुन को सुनाई थी. कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन अपने सगो को दुश्मन के रूप में सामने देख, विचलित हो जाते हैं और उसने शस्त्र उठाने से इंकार कर देता हैं. तब स्वयं भगवान कृष्ण ने अर्जुन को मनुष्य धर्म एवम कर्म का उपदेश दिया. यही उपदेश भगवत गीता में लिखा हुआ है, जिसमे मनुष्य जाति के सभी धर्मो एवम कर्मो का समावेश हैं.
उन्होंने कहा कुरुक्षेत्र का मैदान गीता की उत्पत्ति का स्थान है, कलयुग में प्रारंभ के महज 30 वर्षों के पहले ही गीता का जन्म हुआ, जिसे जन्म स्वयम श्री कृष्ण ने नंदी घोष रथ के सारथि के रूप में दिया था. श्रीमद भगवत गीता केवल हिन्दू सभ्यता को मार्गदर्शन नहीं देती. यह जाति वाद से कही उपर मानवता का ज्ञान देती हैं. गीता के अठारह अध्यायो में मनुष्य के सभी धर्म एवम कर्म का ब्यौरा हैं. इसमें सत युग से कल युग तक मनुष्य के कर्म एवम धर्म का ज्ञान हैं. गीता के श्लोको में मनुष्य जाति का आधार छिपा हैं. मनुष्य के लिए क्या कर्म हैं उसका क्या धर्म हैं. इसका विस्तार स्वयं कृष्ण ने अपने मुख से कुरुक्षेत्र की उस धरती पर किया था. उसी ज्ञान को गीता के पन्नो में लिखा गया हैं. यह सबसे पवित्र और मानव जाति का उद्धार करने वाला ग्रन्थ हैं. गीता का जन्म मनुष्य को धर्म का सही अर्थ समझाने की दृष्टि से किया गया. जब गीता का वाचन स्वयम प्रभु ने किये उस वक्त कलयुग का प्रारंभ हो चूका था. कलयुग ऐसा दौर हैं जिसमे गुरु एवम ईश्वर स्वयम धरती पर मौजूद नहीं हैं, जो भटकते अर्जुन को सही राह दिखा पायें. ऐसे में गीता के उपदेश मनुष्य जाति को राह प्रशस्त करते हैं. इसी कारण महाभारत काल में गीता की उत्त्पत्ति की गई.
उन्होनें कहा हिन्दू धर्म ही एक ऐसा धर्म हैं जिसमे किसी ग्रन्थ की जयंती मनाई जाती हैं, इसका उद्देश्य मनुष्य में गीता के महत्व को जगाये रखना हैं. कलयुग में गीता ही एक ऐसा ग्रन्थ हैं जो मनुष्य को सही गलत का बोध करा सकता हैं.
इस दौरान श्री महानगर कांग्रेस अध्यक्ष श्री लाल चंद शर्मा, भक्ेित विकास दास प्रभु, श्री शुभम कुमार, लक्ष्य सिंह, अक्षत शर्मा, हिमांशु, पार्षद देविका रानी आदी उपस्थित थे।

लाल चंद शर्मा
महानगर अध्यक्ष

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