प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के 6.1 लाख लाभार्थियों के बैंक खातों में बुधवार को 2,690 करोड़ रुपये की धनराशि का डिजिटल ट्रांसफर करेंगे। पीएम मोदी ने ट्वीट कर इस जानकारी को साझा करते हुए कहा कि ‘उत्तर प्रदेश के ग्रामीण भाई-बहनों के लिए आज का दिन अहम है। दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाखों लाभार्थियों के लिए सहायता राशि जारी करूंगा। सभी को घर दिए जाने के लक्ष्य की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा।’
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण तहत लाभार्थियों के लिए सहायता राशि के डिजिटल ट्रांसफर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्चुअल माध्यम से शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से वर्ष 2020-21 के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के 5.3 लाख लाभार्थियों को आवास निर्माण की पहली किस्त तथा 80 हजार लाभार्थियों को दूसरी किस्त की धनराशि ट्रांसफर की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या, वाराणसी, बलरामपुर, बहराइच और चित्रकूट के प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाभार्थियों से संवाद भी करेंगे। इस योजना में उत्कृष्ट कार्य के लिए पिछले वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश को ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से सर्वाधिक नौ राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवास योजना ग्रामीण के लाभार्थियों के बैंक खाते में धनराशि के ट्रांसफर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा कि ‘उत्तर प्रदेश ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ लक्ष्य की दिशा में दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के 6.10 लाख लाभार्थियों के खातों में 2691 रुपये करोड़ की राशि का ऑनलाइन अंतरण करेंगे।’
क्या है पीएम आवास योजना-ग्रामीण : प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण या प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने पिछले कार्यकाल 20 नवंबर, 2016 में शुरू की थी। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2022 तक ज्यादा से ज्यादा परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत सरकार बिजली की आपूर्ति और स्वच्छता जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं की विशेषता वाले पक्के घरों के निर्माण के लिए धन की सहायता प्रदान करती है। योजना में मैदानी इलाकों में प्रत्येक लाभार्थी को घर बनाने के लिए 1.20 लाख रुपये, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को 1.30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।