वक्त का पहिया
जा चुके है जो
इस धरा से
वो फिर
लौट कर आएंगे।
तेरे पास न सही
मेरे पास तो
जरूर आएंगे।
देकर हाथ तेरा
मेरे हाथ में
फिर मुस्कुराएंगे।
छोड़ चुके हैं जो अपने
अनजान बनकर
अनकही राहों में।
वक्त का पहिया
जरा पलटने तो दो
वही फिर से
हमें अपने गले लगाएंगे।
राजीव डोगरा ‘विमल’
(भाषा अध्यापक)
गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
9876777233
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