धारचूला, उच्च हिमालय में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर हेलीकॉप्टर से निकालने का कार्य बुधवार को भी जारी रहा। उच्च हिमालय मिलम से एक रोगी को हेलीकॉप्टर से हल्द्वानी पहुंचाया गया। इधर उच्च हिमालय में फंसे बीमार पड़े लोगों ने जिलाधिकारी से हेलीकॉप्टर से धारचूला पहुंचाने की मांग की है।
मंगलवार से मार्ग बंद होने से उच्च हिमालय में फंसे लोगो को हेलीकॉप्टर से निकालने का कार्य प्रारंभ हुआ। पहले दिन दारमा में फंसे विभिन्न विभागों के 16 अधिकारियों, कर्मचारियों सहित 22 लोगों को निकाला गया था। बुधवार को भी फंसे लोगों को निकालने का कार्य चला। बुधवार को लोग निकाले गए । उच्च हिमालय में एक बीमार व्यक्ति को हल्द्वानी पहुंचाया गया।
दारमा के दुग्तू गांव निवासी नीमा दुग्ताल ने जिलाधिकारी को पत्र भेज कर अपने परिवारजनों को हेलीकॉप्टर से धारचूला पहुंचाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उनका परिवार म्यामार में रहता है। दोनों बच्चे पढ़ते हैं। 28 जून का बीजा समाप्त हो रहा है। स्थिति को देखते हुए हेलीकॉप्टर से परिवारजनों को दारमा से निकालने का अनुरोध किया है।
दारमा से लौटे भेड़ बकरी पालकों ने बताया कि बीते दिनों की बारिश में मलबे में दब कर और बुग्यालों में बीमारी से सैकड़ों भेड़ बकरियों की मौत हो गई। भेड़ बकरी पालकों ने बताया कि सूचना के बाद भी पशुपालन विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया । उन्होंने बताया कि वह जान हथेली पर रख कर लौट पाए हैं। उर्थिग में आपदा से हिम्मत सिंह, दौलत सिंह, किशन सिंह ,भीम सिंह और चंद्र सिंह की चार सौ बकरियां मर गई हैं।