उदयपुर, चित्तौड़गढ़ जिले के देवरी गांव में नाकाबंदी के दौरान पुलिस की तस्करों के साथ मुठभेड़ हो गई। दोनों ओर से हुई फायरिंग में कोई हताहत नहीं हुआ किन्तु तस्कर लग्जरी कार छोड़कर भाग निकले। उनकी कार से 78 किलो अफीम के अलावा पिस्टन की मैग्जीन तथा कारतूस बरामद हुए। बरामद अफीम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो करोड़ रुपए से अधिक बताई। बरामद कार में दो नंबर प्लेट भी मिलीं, जिनमें से एक महाराष्ट्र की जबकि दूसरी जयपुर की थी।
मिली जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ थाना पुलिस देवरी गांव के समीप उदयपुर हाई वे पर होटल कमल के पास नाकाबंदी कर रही थी। इसी दौरान चित्तौड़गढ़ की ओर से आई फारचूनर कार को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। किन्तु उसमें सवार तस्कर ने कार की रफ्तार तेज कर दी।
हैड कांस्टेबल की वजह से पकड़ी गई कार, मिलेगा इनाम
सदर थाने के हैड कांस्टेबल भूपेंद्र सिंह की चतुराई की वजह से तस्करों की कार पकड़ी गई। पुलिस की नाकाबंदी तोड़कर भागते समय हैड कांस्टेबल भूपेंद्र ने स्टॉप स्टिक तेजी से फैंकी और उसके उपर से गुजर रही तस्करों की कार का टायर पंक्चर हो गया। हालांकि इसके बावजूद तस्करों ने कार नहीं रोकी, बल्कि पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। बचाव में पुलिस ने भी फायर किए। पंक्चर होने के बावजूद तस्करों ने कार नहीं रोकी बल्कि उसे दौड़ाते रहे। रिठौला चौराहे के आगे तस्करों ने अपनी कार एक सर्विस रोड पर ले ली जो आगे बंद थी। जहां तस्कर कार को छोड़कर भाग निकले। पुलिस ने बताया कि तस्करों की संख्या दो थी।
कार की तलाशी में तीन बोरों में मिली अफीम
पुलिस ने जब तस्करों की कार की तलाशी ली तो उसमें तीन कट्टों में बड़ी मात्रा में अफीम बरामद की। जो तुलाने पर 78 किलो पाई गई। कार में दो नंबर प्लेट, जिनमें से एक महाराष्ट्र की और दूसरी जयपुर की थी। पिस्टल की एक मैग्जीन तथा पांच जिंदा कारतूस बरामद किए। पुलिस अब कार पर लगी नंबर प्लेट के आधार पर उसके मालिक का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
पुलिस पर फायरिंग के बाद पहुंचे अधिकारी
तस्करों के नाकाबंदी कर रही पुलिस पर फायरिंग की सूचना पर जिला पुलिस अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिम्मत सिंह देवल, सदर थानाधिकारी दर्शन सिंह मौके पर पहुंचे। बुलाए गए अतिरिक्त पुलिस जाब्ते ने खेतों तथा पहाड़ियों पर सर्च ऑपरेशन किया, ताकि तस्कर बरामद हो सकें लेकिन तीन घंटे तक चलाए अभियान के बावजूद उनका पता नहीं चल पाया। तस्करों की धरपकड़ के लिए चित्तौड़गढ़ और उदयपुर में नाकाबंदी कराई गई।