देहरादून। कोविड की दूसरी लहर के दौरान जब उत्तराखंड को भी आक्सीजन की जरूरत थी, तब दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने केंद्र पर दबाव बनाकर अन्य राज्यों के कोटे की आक्सीजन भी हड़पने का काम किया। उस समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड से भी आक्सीजन की मांग की थी। यह बात अलग है कि प्रदेश की तीरथ सिंह रावत सरकार ने अपनी सूझबूझ से राज्य में आक्सीजन की किल्लत नहीं होने दी।
उत्तराखंड ने गुजरात से आक्सीजन मंगाने के साथ ही खुद का उत्पादन भी बढ़ा दिया था। यदि ऐसा नहीं होता तो उत्तराखंड में भी दिक्कत बढ़ सकती थी।उत्तराखंड में अपै्रल से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेज होने पर यहां भी आक्सीजन की मांग काफी बढ़ गई थी। मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पतालों में आक्सीजन बेड कम पड़ने लगे थे। परिणामस्वरूप मरीज घर पर ही सिलिंडर लगाकर आक्सीजन ले रहे थे। हालांकि, आक्सीजन के लिए केंद्र सरकार ने अन्य राज्यों की भांति कोटा तय किया था, मगर बढ़ी मांग को देखते हुए तीरथ सरकार ने गुजरात से आक्सीजन मंगाई। साथ ही प्रदेश में स्थित सभी आक्सीजन प्लांट में उत्पादन बढ़ाने के अलावा विभिन्न स्थानों पर नए प्लांट भी स्थापित किए।
परिणामस्वरूप आक्सीजन को लेकर स्थिति नियंत्रण में रही।कोरोना की दूसरी लहर के उस दौर में दिल्ली की केजरीवाल सरकार की कारस्तानी उत्तराखंड पर भारी पड़ सकती थी। उस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड से भी आक्सीजन की मांग की थी। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा केंद्र पर बनाए गए दबाव की जानकारी उजागर होने पर उत्तराखंड के सियासी हल्कों में भी तीखी प्रतिक्रिया हुई है। भाजपा ने इसे न सिर्फ दिल्ली की केजरीवाल सरकार की धोखाधड़ी करार दिया, बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठाई है।
सीएम तीरथ सिंह रावत ने बताया कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कुल मिलाकर बड़ी धोखाधड़ी की है। केजरीवाल ने मुझे भी आक्सीजन की उपलब्धता के लिए पत्र लिखा था। केजरीवाल सरकार ने मांग से कहीं ज्यादा आक्सीजन का दबाव बनाकर अन्य राज्यों का हक मारने का प्रयास किया। अदालत को भी दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने धोखे में रखा। इस सबको देखते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार का सच निकलकर सामने आ गया है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने जानबूझकर जरूरत से कहीं ज्यादा आक्सीजन की डिमांड कर इसे डंप किया। इससे आम आदमी पार्टी का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए।