भारत और श्रीलंका के बीच इस महीने में तीन-तीन मैचों की वनडे और टी20 इंटरनेशनल सीरीज खेली जानी है। इस सीरीज के लिए भारतीय टीम श्रीलंका पहुंच चुकी है, लेकिन इस टीम के साथ भारत के दिग्गज खिलाड़ी नहीं हैं। एक तरह से कह सकते हैं कि भारत की ये दूसरे दर्जे की टीम है। इसी को लेकर श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को फटकार लगाई है। रणतुंगा का कहना है कि दूसरे दर्जे की भारतीय टीम की मेजबानी करने के लिए सहमत होना किसी अपमान से कम नहीं है।
श्रीलंका के खिलाफ होने वाली सीमित ओवरों की सीरीज के लिए विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा, केएल राहुल और रिषभ पंत जैसे खिलाड़ी नहीं होंगे, क्योंकि ये सभी खिलाड़ी इस समय इंग्लैंड में हैं, जहां अगस्त में मेजबानों के खिलाफ टीम इंडिया को पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। यही कारण है कि श्रीलंका के दौरे पर टीम इंडिया के कप्तान शिखर धवन होंगे, जबकि उपकप्तानी भुवनेश्वर कुमार को सौंपी गई है। ये खिलाड़ी अनुभवी हैं, लेकिन टीम के साथ यात्रा करने वाले ज्यादातर खिलाड़ी युवा हैं।
अर्जुन रणतुंगा ने अपने आवास पर संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “यह दूसरे दर्जे की भारतीय टीम है और उनका यहां आना हमारे क्रिकेट का अपमान है। मैं वर्तमान प्रशासन पर टेलीविजन मार्केटिंग की जरूरतों के कारण उनके साथ खेलने के लिए सहमत होने का आरोप लगाता हूं।” श्रीलंका को 1996 में विश्व कप जिताने वाले इस महान बल्लेबाज ने कहा, “भारत ने अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम इंग्लैंड भेजी और कमजोर टीम को यहां खेलने के लिए भेजी। मैं इसके लिए अपने बोर्ड को दोषी ठहराता हूं।”
पूर्व कप्तान ने श्रीलंकाई टीम के मौजूदा समय में चल रहे खराब प्रदर्शन की भी बात की, जहां इंग्लैंड के खिलाफ टीम को टी20 के बाद वनडे सीरीज भी गंवानी पड़ी। उनका कहना है कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड में कुछ बदलाव होने चाहिए और अनुशासन लाना चाहिए।