ऐसी दुर्गा जिसके नाम से ही खौफ खाते हैं लव जिहाद के मनचले! सचमुच विश्व हिन्दू परिषद की दुर्गा जैसी शख्सियत है दुर्गावाहिनी की भावना शर्मा!
प्रयास उत्तराखंड (मनोज ईस्टवाल) देहरादून: हाथ में रोली, माथे पर तिलक व महंगी बाइक लेकर मंदिरों के बाहर, एमकेपी स्कूल, गुरु रामराय, डीएवी, डीवीएस हो या फिर कोई भी अन्य छात्राओं का सकूल ..! कई मनचले आपको मिल जायेंगे जिनमें यह तय करना बहुत मुश्किल होता है कि यह हिन्दू है या फिर वह लव जिहादी जिसे हिन्दुओं की बेटियों को नापाक करने के लिए लाखों रुपये मिलते हैं. इन लड़कियों को बहला फुसलाकर शादी करने के बदले ये सडकछाप अपने आकाओं से लाखों रुपये पाते हैं, जिसमें इनका भी सपना होता है कि शायद इसी से उनका भविष्य संवर जाय.
बेहद गरीब घराने से तालुख रखने वाले इन लव जिहादियों को एक मुस्लिम संगठन (मुस्लिम विंग) हिन्दुओं की बेटियों को फंसाने के लिए महंगी बाइक व जेब खर्च तो देता ही है साथ ही शादी करने पर यदि ब्राह्मण की बेटी हो तो 5 लाख, राजपूत बैश्य इत्यादि की बेटी हो तो 3 लाख और अगर इस से निचली जाति बर्ग की हो तो डेढ़ से दो लाख के बीच रकम मुहैय्या करवाता है. इन लव जिहादियों की समय सीमा नहीं होती. बस इन्हें किसी भी सूरत में एक लड़की अपने लिए साम दाम दंड भेद के रूप में फंसानी होती है.
यह बात पहले हवाई लगती थी लेकिन जब हिन्दू धर्म की एक दुर्गा से मुलाक़ात हुई तो मुंह खुला का खुला रह गया. विश्व हिन्दू परिषद में दुर्गा वाहिनी की विभाग संयोजिका भावना शर्मा को मैं कुछ बर्ष पूर्व तक बतौर पत्रकार जानता था लेकिन अचानक सोशल साईट पर पीताम्बरी या गेहुंए वस्त्र देख अचम्भित रह गया. फिर ध्यान आया कि भावना अक्सर कहा करती थीं कि वह धर्मशाला (हिमाचल) जाकर बौध धर्म अपनाएगी और मैं हमेशा कहता था कि अगर मानसिक शान्ति नहीं है तो आप देहरादून में भी समाज के किसी वर्ग के लिए ऐसा काम कर सकती हैं जो आपको इतना शुकून देगा कि आप को बौध भिक्षुक बनने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी.
हाथ में तलवार घोड़े में सवार और जुबान में हुंकार लिए जब एक दिन भावना को बिश्व हिन्दू परिषद की दुर्गावाहिनी में रोड मार्च करते देखा तो दंग रह गया. सच मानिए तो ख़ुशी हुई कि चलो भावना शर्मा को अपनी मंजिल यही मिल गयी है.भावना शर्मा पर वर्तमान में 4 केश दर्ज हैं जिसमें अंतिम केश रायपुर में एक मुस्लिम की दूकान जलाने का बनाया गया है. भावना शर्मा बताती है कि रायपुर में एक मुस्लिम व्यक्ति एक स्कूल जाने वाली छोटी सी बच्ची को टाफी, रुपये का लालच देकर उस से अभद्र हरकत करता या बलात्कार करता देखा सुना गया. तब बिश्व हिंडून परिषद, बजरंग दल व दुर्गावाहिनी सभी मौके पर गए. वीडियो फुटेज में मुझे दूकान के बाहर खड़ा देखकर तुरन्तु मुंझ पर केश दर्ज किया गया व कहीं भी कैसी भी हालात में मेरी गिरफ्तारी के वारंट जारी हो गए. मैं आगे-आगे व पुलिस मेरे पीछे-पीछे! चूहे बिल्ली का यह खेल चलता रहा क्योंकि तब चुनाव हो गए थे और कांग्रेस सरकार किसी भी सूरत में मेरी गिरफ्तारी के लिए आमादा थी. आखिर सहयोगियों ने मुझे तब तक भूमिगत होने की सलाह दी जब तक सरकार नहीं बन जाती. वह भगवान् का शुक्र अदा करती हुई कहती हैं कि अच्छा हुआ बीजेपी की प्रदेश में सरकार आ गयी वरना कांग्रेसियों ने तो मुझे फंसाने की पूरी प्लानिंग कर रखी थी.
हिन्दू जागरण मंच देबबंद द्वारा भावना शर्मा को उनके कृत्यों के लिए सम्मानित किया गया)
वह हंसती हुई कहती हैं कि मैं चाहकर भी राजनीति नहीं करती क्योंकि दुर्गावाहिनी सिर्फ सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने को तत्पर है. फिर भी जाने क्यों आकर राजनीतिज्ञ मुझे फोकस करना शुरू कर देते हैं.देहरादून, ऋषिकेश व विकास नगर की विभाग संयोजिका का जिम्मा उठा रही दुर्गावाहिनी की यह दुर्गा बताती है कि लव जिहाद से जुड़े देहरादून के हर थाणे में आये दिन कई केश आते हैं यह हमारे लिए भी आश्चर्य की बात है कि देहरादून जैसे सभ्य शहर में अचानक ये लव जिहादियों की बाढ़ कहाँ से आ गई. जो लव जिहादी पकड़े जाते हैं उनमें एक भी देहरादून के मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति नहीं होता बल्कि ठेली पटरी, कबाड़, फल सब्जी, नाई, धोबी का काम करने उत्तर प्रदेश से यहाँ आये वे जिहादी होते हैं जिन्हें स्पेशल तरीके से इनका संगठन यहाँ प्लांट करता है.
भावना शर्मा कहती हैं शुक्र मनाओ कि इस प्रदेश के ज्यादातर मुस्लिम पढ़े लिखे हैं व जल्दी से इन जिहादियों के चक्कर में नहीं पड़ते वरना आये दिन यहाँ कोहराम मचा होता. वह बेहद सख्त लहजे में कहती हैं कि हमने भी अब गोपनीय तरीके से ऐसी जगह अपने कार्यकर्ता खड़े करने शुरू कर दिए जहाँ बेटियों को अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में फंसाने वाले ये लव जिहादी खड़े रहते हैं. वह मुस्कराती हुई कहती हैं कि अब तो मेरा नाम सुनकर या मेरी शक्ल देखते ही ये ऐसे भागते हैं जैसे कोई भूत देख लिया हो.
भावना अभी तक कई थानों में लव जिहाद सम्बन्धी प्रकरण निबटा चुकी हैं. वह कहती है कई बार कौन्सिलिंग के दौरान ऐसा मन होता है कि अपनी इन बेटियों का क्या कर दूँ. ये लव जिहादी अगर मेरे हाथ पड़ते हैं तो पिटते बहुत हैं. इसी कारण ये केश भी दर्ज हुए हैं. जब बेटियाँ सुनती नहीं हैं तब जरा उन्हें डराना पड़ता है फिर उनके हाथों गले में बंधे गांठे-ताबीज खोलते ही वह ठीक हो जाती हैं. लव जिहादी जाने उन ताबीजों में ऐसा क्या भर लाते हैं कि ये बेटियाँ अपने माँ बाप को तक अपना दुश्मन समझना शुरू कर देती हैं.
भावना कहती हैं कि यह हम सबका दायित्व है कि हम अपनी जवान या नासमझ बेटी को बड़े स्नेह प्यार के साथ दोस्त बन उसकी देख रेख करें और यह भी तय करें कि कहीं उसके हाथ गले में भी तो कोई ऐसा ताबीज दागा इत्यादि तो नहीं बंधा हुआ जो आपकी जानकारी में न हो. कहीं अचानक उसके व्यवहार में ऐसा परिवर्तन तो नहीं आया जो माँ को अटपटा लगता हो. अगर ऐसा है तो फ़ौरन हमें बेटियों पर नजर रखनी होगी क्योंकि लव जिहादियों का एक मात्र मकसद है हिन्दुओं की बेटियों को नापाक करना.
भावना शर्मा कहती है कि भले ही हिन्दू धर्म में सनातन व वैदिक परम्परा रही हो लेकिन विश्व का यही एक मात्र ऐसा देश है जिसमें मुगलों ने सैकड़ों साल राज किया, इसाईधर्मावलम्बियों ने भी दो सौ साल राज किया लेकिन आज भ�