मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- कारगिल विजय दिवस पर हम सेना के जवानों की शहादत पर उनको नमन करते है

लखनऊ, कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई को देश आज शहीदों को नमन कर रहा है। इस अवसर पर लखनऊ में शहीद स्मारक के सामने कारगिल स्मृति वाटिका में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीदों का नमन किया। उनकी प्रतिमाओं पर पुष्पाजलि भी की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी साथ ही कैप्टन मनोज पांडेय के पिता गोपीचंद पांडेय, मेजर रीतेश शर्मा के पिता सत्यप्रकाश शर्मा और सुनील जंग की मां बीना महत को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कारगिल विजय दिवस की आज 22वीं जयंती पर हम सेना के जवानों की शहादत पर उनको नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की फौज की बहादुरी और संयम का प्रतीक है। हमारी फौज के पराक्रम को पूरी दुनिया ने देखा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसी बहादुर फौज के साथ भारत मजबूती के साथ अपनी सीमा की सुरक्षा करने में सफल है। आज हम लोग शहीदों के बलिदान के कारण ही सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि हमको गर्व है कि हमको शहीदों के स्वजन के साथ कुछ क्षण रहने के साथ ही उनको सम्मानित करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पांच सैनिक कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे। हम उनको नमन करते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज पूरा देश कारगिल युद्ध में शहीद हुए जांबाजों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। लखनऊ में भी पांच बलिदानियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान किया। भारत माता के महान सपूत, वीर जवानों की सतर्कता , राष्ट्र की रक्षा के लिए उनके समर्पण और अदभुत बलिदान के कारण हम सब न केवल स्वाधीनता का अनुभव करते हैं बल्कि सुरक्षित माहौल में चैन से गुजर बसर भी करते हैं। शहीद की मौत ही कौम की जिंदगी होती है। कारगिल युद्ध मई 1999 में पड़ोसी राष्ट्र के द्वारा एक साजिश के तहत देश पर थोपा गया था। कारगिल की चोटियों पर दुश्मन देश ने कब्जा कर लिया। जिससे भारतीय जवानों को वहां से आसानी से निशाना बनाया जा सके, लेकिन विषम हालात में भी दो से ढाई महीने में भारतीय जवानों ने उनको खदेड़ दिया।

भारत के बहादुर जवानों की सतर्कता का परिणाम है कि आज विपरीत स्थिति के बावजूद सीमा सुरक्षा करने और किसी भी साजिश को विफल करने में सक्षम है। यह 136 करोड़ की आबादी का कर्तव्य है कि वह शहीदों के परिवारीजनों को एकांकीपन महसूस न होने दे। समाज का संबल उनके लिए महत्वपूर्ण है। हमको यह विस्मित रखना चाहिए कि भले ही हमारी बोली, रहन सहन खानपान और अलग हो लेकिन हमारा एक ही धर्म है और वह है राष्ट्रधर्म। राज्य सरकार ने चार साल में शहीदों के परिवारीजनों के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। खासतौर पर सभी मंडल में एक सैनिक स्कूल की स्थापना की जाएगी। सेना, अर्द्धसैनिक बल और पुलिस के बहादुर जवानों के शहीद होने पर राज्य सरकार उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, एक आश्रित को नौकरी व भवन का नामकरण उनके नाम पर किया जा रहा है।

jagran

मुख्यमंत्री ने इस मौके अब तक हुए युद्ध के शहीदों पर आधारित पुस्तक वीरता और बलिदान का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कारगिल स्मृति वाटिका में डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, संसदीय कार्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी’, विधायक सुरेश चंद तिवारी और महापौर संयुक्ता भाटिया भी मौजूद थीं।

लखनऊ में कारगिल शहीद दिवस के अवसर पर मध्य कमान मुख्यालय की ओर से कैंट में युद्ध स्मारक स्मृतिका पर बलिदानियों को पुष्पांजलि अॢपत की गई। इस अवसर पर मध्य कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल के साथ अन्य सभी बड़े सैन्य अधिकारी भी युद्ध स्मारक स्मृतिका पर मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *