नई दिल्ली कोरोना महामारी से दूर भगाने को चलाए गए टीकाकरण में 100 करोड़ का आंकड़ा छूने के बाद देश ने इस राह में एक मील का पत्थर स्थापित किया है। ये पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश भी है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे थे। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी मौजूद थे। इसके बाद उन्होंने हरियाणा के झज्जर में बने एम्स कैंपस में इंफोसिस फाउंडेशन विश्राम सदन की शुरआत की।
इस मौके पर दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि देश को सौ करोड़ डोज का सुरक्षा कवच मिला है। हम सभी को मिलकर कोरोना महामारी को जल्द हराना होगा। उन्होंने सौ करोड़ डोज का आंकड़ा छूने पर सभी स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई दी है। इस मौके पर उन्होंने हर जिले में मेडिकल कालेज बनाने पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि कैंसर की करीब 400 दवाओं के दाम उनकी सरकार ने कम किए हैं।
मरीजों को डाक्टरों को दिखाने में कोई परेशानी न आए इस पर भी सरकार ध्यान दे रही है। उन्होंंने इंफोसिस फाउंडेशन का जिक्र करते हुए कहा कि ये संस्थाएं सेवा भाव से काम कर रही है। सेवा भाव के किसी भी मौके को हाथ से नहीं जाने दिया चाहिए। उन्होंने कहा कि ई संजीवनी की सुविधा मौजूद है। इसके अलावा और भी काम इस क्षेत्र में किए जा रहे हैं। समाज की शक्ति से हम इस लक्ष्य को भी जल्द पा सकेंगे।
उन्होंने ये भी कहा कि हरियाणा में उन्होंने एक लंबा समय काटा है। उन्होंंने राज्य सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि वर्षों बाद राज्य को एक सशक्त और उत्तर सरकार मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में मिली है। उन्होंने ये भी कहा कि मनोहर लाल को वो वर्षों से जानते हैं लेकिन सीएम के तौर पर उन्होंने कई इनोवेटिव काम किए है। राज्य की देखादेखी केंद्र ने भी कई प्रयोग किए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा की सरकार ने जो लंबी सोच की नींव डाली है उसका फायदा जरूरी राज्य को मिलेगा।
बता दें कि भारत में वैक्सीनेशन की शुरुआत जनवरी 2021 में हुई थी। पीएम मोदी ने इसको चरणबद्ध तरीके से देश में शुरू करवाया था। उनके मार्गदर्शन में देश ने ये कीर्तिमान स्थापित किया है। यहां पर एक खास बात और बता दें कि भारत ने कोरोना महामारी से उबरने में दूसरे देशों को भी पूरी मदद की है। भारत ने इसके लिए जहां खुद इनिशिएटिव लिया वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के गावी संगठन की मदद से भी इस काम को अंजाम दिया। वर्तमान में विश्व के कई देशों में भारत की बनाई वैक्सीन और भारत में उत्पादित वैक्सीन को दूसरे देशों में भेजा गया है।
देश के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि इस दौरान केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 103.5 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध करवाई थीं। अब भी राज्यों के पास 10.85 करोड़ वैक्सीन बिना इस्तेमाल के बची हुई हैं।