बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के छोटे भाई पंकज मोदी बदरी-विशाल के दर्शन को यहां पहुंचे। वे सुबह साढ़े आठ बजे हेलीकाप्टर से धाम पहुंचे और भगवान बदरी विशाल का आशीर्वाद लिया।
20 नवंबर को बंद होने हैं धाम के कपाट
चारधाम यात्रा समाप्ति की ओर है। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही यात्रा शीतकाल के लिए समाप्त हो जाएगी। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के बाद धाम में स्थित गणेश मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। वहीं, धाम के कपाट वृष लग्न में शाम 6 बजकर 45 मिनट पर विघि-विधान के साथ बंद कर दिए जाएंगे। परंपरा के अनुसार कपाट बंद होने से पहले बदरीनाथ धाम में पंच पूजाओं का प्राविधान है।
गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट हो चुके हैं बंद
विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के कपाट अन्नकूट के पर्व पर पांच नवंबर को विधि-विधान के साथ बंद किए गए। कपाट बंद होने से अब श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे। वहीं, यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) के कपाट भैया दूज के अवसर पर छह नवंबर को बंद किए गए। अब मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली में होंगे।
भैयादूज पर बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज पर छह नवंबर को बंद किए गए। कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी विग्रह मूर्ति विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हुई। अगले छह महीने के लिए भोले बाबा के दर्शन यहीं पर होंगे।