पुरातन चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए कानपुर नगर जिले के निगोह और कानपुर देहात के बनार गांव समेत सूबे में 11 एकीकृत आयुष अस्पताल बनकर तैयार हैं। 50 बेड की क्षमता वाले इन अस्पतालों में एक स्थान पर आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथ के इलाज की सुविधा मिलेगी। इन अस्पतालों को एक साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छह दिसंबर को वर्चुअल प्लेटफार्म से लोकार्पण कर सकते हैं। हालांकि अभी तक इन अस्पतालों में न उपकरण आए हैं और न डाक्टरों व कर्मचारियों की तैनाती हो सकी है।
भारतीय पुरातन चिकित्सा पद्धति को आमजन को लाभान्वित करने के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने पहली की थी। इसके तहत उत्तर प्रदेश में एक साथ 50 बेड की क्षमता वाले 24 एकीकृत आयुष अस्पतालों के स्थापना का निर्णय लिया था, जिसमें से 11 अस्पताल बन कर तैयार हैं उसमें कानपुर नगर के निगोह गांव और कानपुर देहात के अकबरपुर के समीप हाईवे किनारे बनार अलीपुर गांव में 50 बेड का एकीकृत अस्पताल है, जहां तीनों पुरातन चिकित्सा पद्धति से इलाज किया जाएगा। साथ ही योग एवं प्राणायाम भी कराया जाएगा।
आउटसोर्सिंग कंपनी देगी डाक्टर व कर्मचारी : शासन के स्तर से अस्पताल में डाक्टर से लेकर कर्मचारियों का इंतजाम किया जाएगा। अस्पताल में अभी तक पद स्वीकृत नहीं हुए हैं। आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से डाक्टरों एवं कर्मचारियों की तैनाती करने का निर्णय लिया गया है।
बेड व उपकरण भी नहीं आए : शासन के स्तर से उपकरण से लेकर बेड का इंतजाम किया जाना है। उसमें अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्सरे मशीन, बेड, पैथालाजिकल मशीनें और आपरेशन थियेटर के भी उपकरण आने हैं। इन अस्पतालों में अभी तक शासन ने उपकरण नहीं भेजे हैं।
यह मिलेगी सुविधा : पंचकर्म, सिरोधारा, हिजामा थैरेपी से लेकर बवासीर एवं भगंदर का क्षार सूत्र विधि से आपरेशन, महिलाओं का प्रसव व आपरेशन, गठिया, अल्ट्रासाउंड, गठिया, बाल रोग, पैथालाजी व इमरजेंसी की सुविधा होगी। प्राणायाम, फिजियोथेरेपी की सुविधा होगी।
–प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छह दिसंबर को वर्चुअल माध्यम से अस्पताल का लोकार्पण कर सकते हैं। उसके लिए शासन के स्तर से तैयारी की जा रही हैं। शासन के स्तर से आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से शल्य चिकित्सक, काय चिकित्सक, स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती होनी है। उपकरण भी वहां से ही आने हैं