देहरादून बार एसोसिएशन ने कोरोना काल में जान गंवाने वाले अधिवक्ताओं व उनके परिजनों को दी श्रद्धांजलि, इस साल नहीं मनाया अपना वार्षिक उत्सव
प्रयास उत्तराखंड देहरादून। देहरादून बार एसोसिएशन द्वारा कोरोना काल में जान गंवाने वाले अधिवक्ताओं और उनके परिजनों को आज भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। न्यायालयों में कल 25 दिसंबर से एक सप्ताह का शीतकालीन है। न्यायालयों में आज अंतिम कार्यदिवस के दिन देहरादून बार एसोसिएशन द्वारा धूमधाम के साथ वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस बार कोरोनाकाल में अधिवक्ताओं व उनके परिजनों द्वारा बड़ी संख्या में जान गंवाने के कारण वार्षिक उत्सव का आयोजन नहीं किया गया।
कोराना महामारी में 35 अधिवक्ताओं सहित कोर्ट परिसर में कार्यरत कर्मचारियों के लगभग 250 परिजन व असमय काल के गाल में समा गये। उनकी याद में आज देहरादून कोर्ट परिसर में एक श्रद्धांजलि का आयोजन किया गया। सभी दिवंगत आत्माओं को मोमबत्ती जला कर श्रद्धांजलि अर्पित दी गई। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता कर रहे बार एसोएिशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने दिवंगत अधिवक्ताओं के जीवन परिचय, बार हित में किए उनके कार्य व उपलब्धियों से अवगत कराया। इससे पूर्व सभी पदाधिकारियों और वकीलों ने दिवंगत अधिवक्ताओं को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर बार एसोएिशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल अधिवक्ताओं ने कहा सरकार हमेशा वकीलों की अनदेखी करती है। सरकार से अपील है कि वकीलों व उनके परिवारों के हित को ध्यान में रखते हुए इनके लिए ग्रुप इंश्योरेंस व हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम लागू की जाए। साथ ही उन्होंने वकीलों की सुरक्षा को लेकर ठोस कानून बनाने सहित अन्य मांगों को भी उठाया। श्रद्धांजलि सभा में कार्यकारिणी के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल, सचिव अनिल कुकरेती, उपाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, सह सचिव अमित डंगवाल, ऑडिटर अल्पना जग्गी, लाइब्रेरियन ललित भंडारी, सहित अनिल कुमार, अरूण खन्ना, पंकज भंडारी, प्रियंका रानी, बार कांउसिल के सदस्य राकेश गुप्ता, राजवीर बिष्ट, योगेन्द्र तोमर, एंव अन्य अधिवक्ता गण व गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।