हरक सिंह रावत इस बार लगता है राजनीतिक दांव पेंच में मात खा गये हैं। जानिए

देहरादून/ कोटद्वार दिल्ली में अनुशासनहीनता के आरोप में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखण्ड सरकार में रहे वन मंत्री डॉ0 हरक सिंह रावत को मंत्रीमंडल के साथ उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था इसके बाद पूर्व सीएम हरिश रावत ने अपने एक ब्यान में कहा था कि उत्तराखंड में अगर हरक सिंह रावत अपनी कांग्रेस छोड़ने की गलती मान लेते हैं तो कांग्रेस पार्टी उनका स्वागत करने के लिए तैयार है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने साफ तौर पर कहा था कि जिन लोगों ने लोकतंत्र का अपमान किया है। उन्हें प्रायश्चित करना होगा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के गोलमोल बयान और हरक सिंह रावत की कांग्रेसमें वापसी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने गेंद हाईकमान के पाले में डाल दी है जिससे यह तो प्रतीत हो गया था कि हरीश रावत नहीं चाहते कि हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी हो तो वहीं अब दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी हरक सिंह रावत से मिलने से इनकार कर दिया है सूत्रों की माने तो सोनिया गांधी से कई बड़े नेता हरक सिंह रावत की सिफारिश लगा रहे हैं लेकिन कांग्रेस आलाकमान किसी भी सूरत में हरक सिंह रावत को वापिस नहीं लेना चाहता है

30 साल के अपने राजनीतिक सफर में हरक सिंह रावत हमेशा ही विवादों में रहे और भाजपा से दो बार निष्कासित हो चुके हैं तो वहीं 2016 में कांग्रेस की सरकार भी गिरा चुके हैं राजनीतिक दांवपेच में माहिर कहे जाने वाले हरक सिंह रावत और उत्तराखंड में दल बदल बदल कर सत्ता में रहने वाले हरक सिंह रावत इस बार लगता है राजनीतिक दांव पेंच में मात खा गये हैं। वही , सूत्रों की ही माने तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी हरक को वापस लेने में राजी नही है हाईकमान का साफ कहना है कि 2016 की घटना ओर जिन्होंने 5 साल पार्टी के लिए मेहनत की है पार्टी के विश्वास पात्र हैं,उन्हे पार्टी पुनः नाराज नहीं करना चाहती है, उन्हें भरोसा है की हरक के बिना भी वो सरकार बना रहे है ।
पत्रकार हरक सिंह रावत से कई सवाल पूछ रहे है तो हरक सिंह सिर्फ माफी ओर रोने के अलावा उनके पास कुछ नही है

अब तो उत्तराखंड में भाजपा से निष्कासित नेता हरक सिंह रावत को पार्टी में शामिल किए जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं में फूट पड़ गई है और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ग्रैंड ओल्ड पार्टी में शामिल होने के लिए शर्त रखनी भी छोड़ दी है।
वही पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को भाजपा से निकाले जाने के बाद उन्हे एक इंटरव्यू में उनकी आंखो में आंसू ओर भावुक होता देखा गया था वही इस दौरान हरक सिंह रावत ने रोते हुए आरोप लगाया है कि भाजपा ने मुझे बिना बताए ही निकाल दियां। वही अब चर्चाओं में रहने वाले हरक के पास एक ही विकल्प बचा था वह भी अब खत्म हो चुका है तो वही हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी की खबरों से कांग्रेसी नेताओं में ही आपस में दरारें पड़ने लगी है तो वही केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने हरक सिंह का खुला विरोध किया व लैंसडौन विधानसभा से दावेदारी कर रहे रघुवीर बिष्ट ने पहले ही अन्य माध्यमों व सोशल मीडिया में वीडियो जारी करते हरक सिंह रावत का खुला विरोध किया है और लैंसडाउन विधानसभा की जनता से अपील की है कि धनबल से लैंसडाउन विधानसभा का चीर हरण करने वालों को सबक सिखाएं तो वही आज लैंसडाउन से रंजना रावत ओर दीपक भंडारी भी खुलकर हरक सिंह के विरोध में आ खड़े हुए है उन्होंने ने यहाँ तक कह डाला कि हरक सिंह या उनकी पुत्रवधू को कांग्रेस टिकट देती है या कांग्रेस में शामिल करती हैं तो वह सब सामूहिक इस्तीफा देकर खुद का प्रत्याशी खड़ा करेंगे।
अपनी हनक से राजनीति में भूचाल लाने वाले हरक सिंह को आम जनता सोशल मीडिया एवं अन्य कई माध्यमों से निर्दलीय लड़ने की चेतावनी दे रही है और कह रही है दम है तो निर्दलीय जीत कर दिखाओ ।।

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