चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में ट्रायल का सामना कर रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव सहित 99 अभियुक्तों की किस्मत का फैसला आज मंगलवार को होने जा रहा है। सुबह दस बजे से कोर्ट में अभियुक्तों की पेशी शुरू हो जाएगी। दोपहर तक अभियुक्तों को फैसला सुना दिया जाएगा। रांची के कचहरी रोड स्थित कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सुबह साढ़े नौ बजे के लालू यादव गेस्ट हाउस से कोर्ट के लिए रवाना होंगे। वह सोकर उठ गए हैं। फ्रेश होने के बाद कोर्ट जाने की तैयारी में जुट गए हैं। उनके चेहरे पर तनाव साफ नजर आ रहा है।
सीबीआइ के विशेष पीपी फैसला सुनने के लिए कोर्ट पहुंचे
उधर, चारा घोटाला मामले में सीबीआइ की ओर से केस की पैरवी कर रहे विशेष पीपी बीएमपी सिंंह अब कोर्ट पहुंच चुके हैं। मामले की कई अभियुक्त और उनके बचाव पक्ष के वकील भी अब धीरे धीेर सीबीआइ कोर्ट में एकत्र होने लगे हैं। हर कोई आज के फैसले को लेकर उत्साहित और प्रतीक्षारत नजर आ रहा है।
कड़ी सुरक्षा जांच के बाद ही मिल रहा कोर्ट में प्रवेश
उधर, लालू यादव और अन्य अभियुक्तों की सुरक्षा को देखते हुए कोर्ट के प्रवेश द्वार पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद ही किसी को भी प्रवेश करने दिया जा रहा है। सुरक्षाकर्मी मजिस्ट्रेट तक की जांच करते नजर आ रहे हैं। सुरक्षा कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि बिना जांच किसी को भी अंदर नहीं आने दिया जाए।
विशेष जज एसके शशि की अदालत सुनाएगी अपना फैसला
मामले में बहस पूरी होने के बाद सीबीआइ के विशेष जज एसके शशि की अदालत अपना फैसला सुनाएगी। लालू के खिलाफ यह पांचवां एवं अंतिम मामला होगा, जिसमें फैसला आने वाला है। इससे पहले सीबीआइ कोर्ट उन्हें चाईबासा के दो, देवघर और दुमका के एक-एक मामले में पहले ही सजा सुना चुकी है। इन मामलों में सजायाफ्ता लालू फिलहाल जमानत पर हैं, अगर अब उन्हें डोरंडा कोषागार मामले में दोषी भी करार दिया जाता है तो उन्हें तत्काल न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजा जाएगा।
इसी कोर्ट में जज पीके सिंंह ने पहली बार सुनाई थी सजा
यह दिलचस्प है कि कोर्ट के जिस कक्ष में लालू प्रसाद यादव पर फैसला सुनाया जाना है, उस कक्ष में तीसरी बार उनकी किस्मत का फैसला लिखा जाएगा। वर्ष 2013 में कोर्ट के इसी कक्ष में सीबीआइ के जज पीके सिंह ने पहली बार लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई थी। इसके बाद लगातार एस नाम के तीन जजों एसएस प्रसाद, शिवपाल सिंह यादव (दो मामलों में सजा सुनाई) ने उन्हें सजा सुनाई है। अब सबकी नजरें सुधांशु कुमार शशि पर टिकी हैं।
इस मामले में सीबीआइ की ओर से 575 गवाह पेश किए गए
सीबीआइ के स्पेशल पीपी बीएमपी सिंह ने बताया कि इस मामले में 575 गवाह पेश किए गए। जबकि, बचाव पक्ष से 25 गवाह पेश हुए। सीबीआइ ने 15 ट्रंक दस्तावेज अदालत में पेश किए हैं। इस मामले में स्कूटर, मोपेड और मोटरसाइकिल से पशुचारा, सांड, भैंस, बछिया, बकरी और भेड़ झारखंड लाए गए थे। इस गड़बड़ी को साबित करने के लिए सीबीआइ ने कई राज्यों के 150 डीटीओ और आरटीओ को गवाह के रूप में शामिल किया था। जिसमें उन्होंने उक्त वाहनों के पंजीयन की जानकारी दी थी।
इन बड़े चेहरों पर है न
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद यादव, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, डॉ. केएम प्रसाद, डॉ. गौरी शंकर प्रसाद, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, समेत 99 अभियुक्त ट्रायल फेस कर रहे हैं।