प्रदेश में दोबारा सत्तासीन हुई भाजपा सरकार मंत्रिमंडल गठन को लेकर चर्चा तेज हो गई है। राजनीतिक गलियारों से लेकर इंटरनेट मीडिया तक मंत्रिमंडल के दावेदारों पर कयास लगाए जा रहे हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी की किस्मत बड़ी करवट ले सकती है। वहीं, सुरेश राणा की हार के बाद ठाकुर चेहरे के रूप में युवा नेता व नोएडा विधायक पंकज सिंह को जगह मिल सकती है। उधर, लखनऊ में सीएम आवास के आसपास बढ़ी हलचल को जनप्रतिनिधि नई संभावनाओं के रूप में देख रहे हैं।
दिनेश खटीक का दावा सबसे बड़ा
मेरठ से तीन विधायक सदन पहुंचे हैं, जिसमें पिछली सरकार में राज्यमंत्री रहे दिनेश खटीक का दावा सबसे बड़ा है। अंतिम मंत्रिमंडल विस्तार में दिनेश को शामिल कर मेरठ को प्रतिनिधित्व देने के साथ ही दलित समीकरण भी साधा गया, जो इस बार फिर तैयार हैं। प्रदेश के कई अन्य दलित चेहरों से उन्हें चुनौती मिलेगी। 25 साल बाद विधायक बनकर तीसरी बार सदन पहुंचने वाले अनुभवी चेहरा एवं कैंट विधायक अमित अग्रवाल का दावा भी मजबूत है। यह सीट मेरठ में 1989 से भाजपा की साख बचा रही है, जहां इस बार अमित 1.18 लाख के रिकार्ड मतों से जीते हैं।
अमित अग्रवाल और सोमेंद्र तोमर की भी दावेदारी
योगी सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल एवं अतुल गर्ग के साथ अमित भी दावेदारी जताएंगे। मेरठ दक्षिण विस सीट से कड़ी चुनौती पार करते हुए दोबारा जीते युवा गुर्जर चेहरा डा. सोमेंद्र तोमर का मंत्रिमंडल में बड़ा दावा है। माना जा रहा है कि पार्टी उनके नाम पर दांव लगा सकती है। सोमेंद्र के साथ गुर्जर चेहरों में तेजपाल नागर, नन्दकिशोर गुर्जर एवं मुकेश चौधरी की भी दावेदारी है। पिछली सरकार में दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार में गुर्जर चेहरा अशोक कटारिया को शामिल किया गया, जिनका दावा इस बार भी मजबूत है। आसपास के जिलों से ब्राहमण चेहरों में बुलंदशहर के अनिल शर्मा, संजय शर्मा एवं साहिबाबाद से सुनील शर्मा मंत्रिमंडल की रेस में हैं, जबकि एमएलसी श्रीचंद शर्मा को भी मौका मिल सकता है। वहीं, जाट चेहरों में बागपत से दूसरी बार जीते योगेश धामा को अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। दो ओबीसी चेहरों को भी टीम में स्थान मिल सकता है।