खालिस्तान समर्थक संगठनों व हिंदू संगठनों के सदस्यों के बीच शुक्रवर को हुए टकराव के बाद पटियाला जिले में लगाया गया कर्फ्यूू शनिवार सुबह हटा लिया गया। शहर में आज स्थिति सामान्य हैं और स्कूल व विभिन्न प्रतिष्ठान भी खुले हुए हैं। इसके बावजूद प्रशासन पूरी तरह सतर्कता बरत रहा है। दूसरी ओर, पंजाब सरकार ने आइजी समेत पटियाला के कई अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। शहर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। काली माता मंदिर के बाहर हिंंदू संंगठनों के सदस्य धरना दे रहे हैं।
पंजाब सरकार ने पटियाला रेंज के नए आइजी व पटियाला के नए एसएसपी व एसपी नियुक्त किए
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने पटियाला रेंज के आइजी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (सीनियर एसपी) और एसपी के तबादले कर दिए हैं। उनकी जगह मुखविंदर सिंह छीना को नया आइजी, दीपक पारीक को नया एसएसपी और वजीर सिंह को पटियाला का नया एसपी बनाया गया है।
सुबह 9.30 बजे से शाम छह बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक
बता दें कि पटियाला में शुक्रवार शाम सात बजे से शनिवार सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया था। शहर और जिले में कर्फ्यू के समय को तो नहीं बढ़ाया गया है, लेकिन प्रशासन की ओर से पूरी सतर्कता बरती जा रही है।डीसी साक्षी साहनी ने पटियाला जिला में आज मोबाइल इंटरनेट सर्विस (2G, 3G ,4G ,सीडीएमए) सभी एसएमएस, सभी डोंगल के इस्तेमाल पर सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक पाबंदी लगा दी है। इस संबंध में संबंधित टेलीकॉम कंपनियों को भी जिला प्रशासन ने सूचित कर दिया है। इस दौरान मोबाइल फोन पर वॉयस कॉल की सुविधा मुहैया रहेगी।
दूसरी ओर, शहर में प्रमुख स्थलाें पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। काली माता मंदिर के बाहर हिंंदू संगठनों के सदस्य धरना दे रहे हैं। काली माता मंदिर के पास भारी पुलिस बल तैनात है। पुलिस की टीमें शहर में गश्त भी कर रहे हैं।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शांति की अपील करते हुए घटना की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत तीन मामले दर्ज किए हैं, जबकि हिंदू संगठन से जुड़े एक व्यक्ति हरीश सिंगला के खिलाफ हिंसा फैलाने का मामला दर्ज करते हुए उसे रात को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, जिला प्रशासन ने ‘शांति कमेटी’ बनाकर आज (शनिवार को) दोनों पक्षों की बैठक बुलाई है। दूसरी ओर गुस्साए हिंदू संगठनों ने पंजाब बंद की अपील की है।
शुक्रवार को श्री काली माता मंदिर के बाहर हुई झड़प में दोनाें ओर से हुआ पथराव, तलवारें भी चली थीं
उल्लेखनीय है कि शहर में शुक्रवार सुबह करीब दस बजे शिवसेना बाल ठाकरे की ओर से ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ निकाला गया। खालिस्तान समर्थक शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के नेतृत्व में कुछ और संगठनों ने भी इसी समय विरोध में मार्च शुरू कर दिया। सुबह करीब 11 श्री काली देवी मंदिर के बाहर हिंदू सगंठनों के कार्यकर्ताओं और खालिस्तान समर्थक संगठनों के कार्यकर्ताओं का आमना-सामना हो गया।
तनातनी बढ़ने के बाद दोनों ओर से पथराव शुरू हो गया। हिंदू संगठन के सदस्यों का आरोप है कि पथराव की शुरुआत मंदिर के बाहर से गुजर रहे खालिस्तान समर्थक संगठन के कार्यकर्ताओं ने की। वहीं, खालिस्तान समर्थक संगठनों के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उन पर मंदिर के भीतर से पथराव हुआ।
दोनों पक्षों के बीच करीब आधे घंटे तक पथराव चला। इस दौरान खालिस्तान समर्थक संगठनों के कुछ कार्यकर्ता ने तलवारों से हमला कर दिया, जिसमें थाना प्रभारी (एसएचओ) करणवीर सिंह जख्मी हो गए। टकराव में कुल 20 लोगों को चोटें आई हैं।
स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नानक सिंह ने अपनी पिस्टल से पांच हवाई फायर किए। इसके बाद भी भीड़ शांत नहीं हुई, तो उन्होंने एक पुलिसकर्मी को एके-47 से हवाई फायर करने को कहा। इसके बाद भीड़ तितर-बितर हो गई। जिला प्रशासन ने दोपहर करीब एक बजे मंदिर को बंद कर दिया और इसे दोपहर करीब तीन बजे के बाद खोला गया।
पटियाला रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) राकेश अग्रवाल व जिला उपायुक्त (डीसी) साक्षी साहनी ने श्री काली देवी मंदिर का जायजा लिया। स्थिति नियंत्रण में होने के बाद पुलिस ने शहर में फ्लैग मार्च निकाला। सभी स्कूलों में भी छुट्टी कर दी गई।
आइजी ने बताया कि हिंदू संगठनों का मार्च आर्य समाज मंदिर से होते हुए शहर के अंदरूनी हिस्सों में निकाला जाना था, लेकिन अफवाह के कारण दो पक्ष मंदिर के पास इकट्ठा हो गए। उन्होंने कहा कि माहौल खराब करने वाले काफी लोग पटियाला व अन्य जिलों से आए थे, जिसकी जांच की जाएगी। डीसी ने बताया कि शनिवार को दोनों संगठनों की बैठक बुलाई गई है, ताकि इस मामले को बातचीत से सुलझाया जाए।
इसलिए हुआ टकराव
आतंकी संगठन सिख्स फार जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो संदेश के जरिए 29 अप्रैल (शुक्रवार) को खालिस्तान के समर्थन में एक मार्च की अपील की थी। इसके विरोध में शिवसेना बाल ठाकरे के प्रदेश उपाध्यक्ष हरीश सिंगला ने ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ की घोषणा कर दी। मार्च के बाद खालिस्तान का पुतला जलाने का कार्यक्रम भी था। जब यह मार्च निकाला जा रहा था, तो खालिस्तान समर्थक संगठनों ने भी मार्च शुरू कर दिया। श्री काली माता मंदिर के बाहर दोनों संगठनों में टकराव हो गया।
शिवसेना बाल ठाकरे के उपाध्यक्ष निष्कासित, शाम को मीटिंग में आने पर पीटा
शिवसेना बाल ठाकरे के प्रदेश अध्यक्ष योग राज शर्मा ने अपनी मर्जी से ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ निकालने के लिए संगठन के उपाध्यक्ष हरीश सिंगला को संगठन से निष्कासित कर दिया है। देर शाम हिंदू संगठनों ने श्री काली माता मंदिर में बैठक बुलाई, तो हरीश सिंगला भी इसमें पहुंच गए। वहां बहस के दौरान संगठन के सदस्यों ने उन्हें पीट दिया। उनकी गाड़ी में भी तोड़फोड़ कर दी। वह किसी तरह वहां से जान बचाकर भागे।
नहीं ली थी मार्च की इजाजत, पुलिस के साथ हुई थी बैठक
दोनों संगठनों ने शहर में मार्च निकालने के लिए पुलिस से जरूरी अनुमति नहीं ली थी। इस बारे में पुलिस की हरीश सिंगला के साथ बैठक भी हुई थी। उन्होंने मार्च न निकालने पर सहमति जताई थी।