पैगंबर मोहम्मद विवाद के बीच ईरान के विदेश मंत्री डा हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन भारत दौरे पर पहुंचे। यहां ईरानी विदेश मंत्री गर्मजोशी से स्वागत किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने कहा ये यात्रा हमारे ऐतिहासिक संबंधों और साझेदारी को और बढ़ावा देगी। वहीं, ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हुसैन दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से भारत के उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे।
ईरान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों का विस्तार करना और क्षेत्रीय मुद्दों और अंतरराष्ट्रीय विकास के संबंध में सहयोग पर रणनीतिक परामर्श करना है। ईरान के साथ भारत के संबंध अनोखे और ऐतिहासिक हैं। ईरान एक महत्वपूर्ण भागीदार और घनिष्ठ पड़ोसी है। 2021-22 के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में गहनता आई है।
बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो बार तेहरान का दौरा किया और ईरानी नेतृत्व के साथ रचनात्मक बैठकें कीं। दोनों देशों ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अपनी भागीदारी जारी रखी और स्वास्थ्य पर संयुक्त कार्य समूह (JWG) की एक बैठक अप्रैल 2021 में आयोजित हुई थी। जयशंकर ने निर्वाचित राष्ट्रपति अयातुल्ला सैय्यद इब्राहिम रायसी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए ईरान का दौरा किया था। उन्होंने ईरान सरकार के निमंत्रण पर तेहरान का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने शीर्ष ईरानी नेतृत्व के साथ रचनात्मक बैठकें कीं और शाहिद बेहेस्ती टर्मिनल और चाबहार पोर्ट के विकास सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने ईरान में चाबहार के शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह के एक हिस्से का संचालन अपने हाथ में ले लिया है। भारत ने 2003 के आसपास चाबहार बंदरगाह पर ईरान के साथ बातचीत शुरू की। जिसके परिणामस्वरूप मई 2015 में चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए दोनों देशों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।