लखनऊ, योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में पर्यावरण को सुधारने की दिशा में प्रयासरत है। वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने सरकार की 100 दिनों की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि इस साल 35 करोड़ पौधारोपण से वर्ष 2030 में 18.55 मिलियन टन कार्बन अवशोषित हो सकेगा।
पौधारोपण अभियान में कोई गड़बड़ी न हो इसलिए विभाग तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। इस बार सभी 35 करोड़ पौधों की जियोटैगिंग की जा रही है। इससे पौधारोपण अभियान में और पारदर्शिता आएगी। मंत्री ने बताया कि 15 अगस्त को आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रत्येक ग्राम पंचायत तथा शहरी निकाय में अमृत वन की स्थापना की जाएगी।
इस दिन पांच करोड़ पौधारोपण होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर खाद्य वन विकसित किये जा रहे हैं। इसमें फलों के पौधे रोपित किये जाते हैं। अभियान में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद तथा देशज पौधे पीपल, पाकड़, नीम, बेल, आंवला, आम, कटहल, सहजन, आदि के रोपण को वरीयता दी जा रही है।
वन मंत्री ने बताया कि वाराणसी, विंध्य एवं ब्रजभूमि इको टूरिज्म सर्किट के प्रचार-प्रसार एवं विकास का काम पूरा हो चुका है। इसके अंतर्गत नेचर गाइड का प्रशिक्षण, साइकिल ट्रैक, ट्रैकिंग रूट का चिह्नीकरण, जीप सफारी के लिए आवश्यक व्यवस्था, पर्यटकों के रात्रि विश्राम के लिए विश्राम गृह की व्यवस्था आदि काम पूरे कर लिए गए हैं।
हरियाली घटने की कराएंगे जांच: वन मंत्री ने एक प्रश्न पर कहा कि भारतीय वन सर्वेक्षण की 2021 की रिपोर्ट में जिन 10 जिलों में हरियाली घटी है उसकी गंभीरता से जांच कराएंगे। गौरतलब है कि मीरजापुर, सोनभद्र, आजमगढ़, बिजनौर, चंदौली, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत व सुलतानपुर जिले में एफएसआइ की वर्ष 2019 की रिपोर्ट की तुलना में वर्ष 2021 की रिपोर्ट में हरियाली घट गई है।
वन मुख्यालय में बनेगा वार रूम: वन मुख्यालय में पौधारोपण अभियान की निगरानी के लिए एक वार रूम स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों से अपने खेतों में पौधारोपण करने का आह्वान किया। इसके अलावा सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों, सड़कों, राजमार्गों के किनारे भी बड़े पैमाने पर छायादार और फलदार पौधे लगाए जाएं।